51 हजार से अधिक मंत्रों के किये जप, 46 लोगों ने ली मंत्र दीक्षा ली
550 से अधिक याजकों ने नौ कुण्डीय यज्ञ में दी आहुतियां
सद्गुरू साधक के उर से उत्तर उभरते हैं- राकेश गुप्ता
उज्जैन। गुरुदेव शब्द सुनकर सभी को लगता है कि इनके पास सभी सवालों के जवाब होंगे। शिष्य अपने अनेक प्रश्नों को लेकर गुरु के पास जाता भी है, लेकिन सदगुरू कहते हैं कि उत्तर दिया नहीं जाता है। उत्तर बाहर से नहीं भीतर से आता है। साक्षी भाव से प्रश्नों के प्रवाह को देखो समय के अंतराल से प्रश्न शांत होंगे और समाधान की शांति आएगी अर्थात सभी प्रश्नों के उत्तर उर से ही आएंगे।
यह उदगार गायत्री शक्तिपीठ उपक्षोन समन्वयक राकेश कुमार गुप्ता ने गुरूपूर्णिमा पर्व पर गुरू पूजन के समय परिजनों के बीच व्यक्त किये। आपने बताया कि गायत्री महामंत्र अनादि गुर मंत्र है इसका मनन चिंतन ही अंतःकरण को सन्मार्ग में प्रेरित करता है। प्रचार प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार यहाँ पर दो दिवसीय गुरूपूर्णिमा महोत्सव के दौरान गुरुवार को अखंड जाप में 51 हजार से अधिक मंत्र का जप साधकों ने किया। सांयकाल भजन संध्या में गायत्री परिवार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के गायकों ने गुरु महिमा के गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पूर्णिमा 27 जुलाई को सुबह परम पूज्य गुरुदेव और माताजी के प्रतीकों प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा पर अभिषेक पूजन किया गया। पूजन के साथ परिजनों ने नियमित समयदान और अंशदान का संकल्प लिया। 46 लोगों ने मंत्र दीक्षा ली, 550 से अधिक याजकों ने नौ कुण्डीय यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। वृक्षारोपण के लिए परिजनों को पौधे वितरित किए गए।