बारिश के मौसम में आकर्षण का केन्द्र बन रहा है नौलखी ईको टूरिज्म पार्क
वन विभाग द्वारा 55 हेक्टेयर में मनोरंजन पार्क विकसित
उज्जैन । उज्जैन के मक्सी रोड के पास स्थित नौलखी बीड़ में वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म पार्क विकसित किया गया है। इस पार्क में बारिश के मौसम में चारों तरफ हरियाली छा रही है, तालाबों में पानी भर गया है, छोटे-छोटे नाले बहने लगे हैं, कुए पानी से लबालब भरे हैं। हजारों हरे वृक्ष बांहें फैलाये लोगों का स्वागत करते प्रतीत हो रहे हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिये झूले, एडवेंचर गेम्स, हट्स, मेरिगो राउण्ड आदि बनाये गये हैं। पार्क अब हर अवकाश में उज्जैन नगर के रहवासियों के आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। 55 हेक्टेयर में तैयार किये गये वन में लगभग 5 किलो मीटर लम्बाई में हरियाली के बीच रास्ता बनाया गया है, जिस पर गुजरकर लोगों को किसी नेशनल पार्क में घूमने जैसा एहसास होता है।
उज्जैन के निकट स्थित 250 हेक्टेयर की नौलखी बीड़ में कभी केवल घास हुआ करती थी। वन विभाग द्वारा 2007 से प्रारंभ की गई कोशिश कामयाब हुई और यहां आज लाखों वृक्ष पनप गए हैं। घास की जगह घना जंगल विकसित हो गया है। इस संपूर्ण क्षेत्र में से 55 हेक्टर में वन विभाग इको टूरिज्म के तहत मनोरंजन पार्क विकसित किया गया है।
वन मण्डलाधिकारी श्री पीएन मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2007 में वन विभाग ने यहां पर व्यापक पैमाने पर पौधारोपण किया। बांस, शीशम, सागौन, आंवला, जामुन आदि के 01 लाख 50 हजार 111 पौधों का रोपण किया गया। विशेष उल्लेख की बात यह है कि वन विभाग यहां पर शत-प्रतिशत पौधों की सुरक्षा कर सका और क्षेत्र को हरियाली की चादर ओढ़ा दी।
प्रकृति और वन्य जीवन के निकट जाने का माध्यम
55 हेक्टर में तैयार किये जा रहे मनोरंजन पार्क का आकर्षण लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। अवकाश के दिनों में 500 से 1000 प्रकृतिप्रेमी यहां भ्रमण करने आ रहे हैं। पहली बार पार्क में आये देवासरोड पार्श्वनाथ सिटी निवासी डॉ.आरके उपलावदिया बताते हैं कि उज्जैन शहर के इतने निकट ऐसा पार्क तैयार हो जायेगा, ऐसा उन्होंने सोचा नहीं था। यहां आकर सप्ताहभर की थकान दूर हो गई है। वे यहां अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने आये थे। उन्होंने कहा कि बच्चे यहां से जाना ही नहीं चाहते हैं। कुछ इसी तरह के विचार आदर्श नगर की श्रीमती रचना द्वारा प्रकट किये गये। उन्होंने कहा कि अब घूमने के लिये एक नया स्थान उज्जैन में तैयार हो गया है। बारिश में तो यहां आकर मन प्रसन्न हो गया है। वर्षों बाद हमने कुओं में लबालब पानी देखा है और बहते पानी में बच्चों ने खेलने का आनन्द उठाया है।
हिरण, नीलगाय ने अपना ठिकाना बनाया
ईको टूरिज्म पार्क में वन विभाग द्वारा हाल ही में 2 हिरण लाकर छोड़े गये हैं। पहले से ही नीलगाय, खरगोश, जंगली बिल्ली, नेवला, सियार जैसे प्राणियों ने अपना ठिकाना बना रखा है। वहीं दूसरी ओर यहां पर पाए जाने वाले पक्षी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इस मनोरंजन पार्क में नीलकंठ, गोल्डन ओरियल, कॉपर स्मिथ, रेड बैंडेड बुलबुल, ग्रे फ्रेंकोलिन, टिटहरी, लाफिंग डव, सिल्वर बिल, जंगल बाबलेर, कामन मैना, गोरेया, इंडियन रोबिन, सन बर्ड, ब्लैक टैंगो, रोज रिंग, पैराकीट, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल पक्षी कलरव करते दिखाई पड़ते हैं। यहां पर सांपों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें रेट स्नेक, बफ स्ट्रिप स्नेक, वुल्फ स्नेक, कॉमन सैंड बोआ, कोबरा, करेत, ट्रिमकेट स्नेक, रसेल वाइपर, किल बेक वाटर स्नेक, कैट स्नेक, कुकरी स्नेक तथा मॉनिटर लिजार्ड पाई जाती है।
तालाब, कुए लबालब भरे
पार्क में पानी की समस्या को दूर करने के लिए दो तालाबों का निर्माण किया गया है। इस बारिश में दोनों तालाब लबालब भर गये हैं। इसी तरह नये खुदवाएं गये कुए के किनारे भी पानी छलकने को तैयार है। यहां पर 25 लाख रूपये की लागत से इंटरप्रिटेशन सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है और 12 लाख रूपये की लागत से 16 ट्यूबवेल्स में सोलर पम्प लगाये जायेंगे। 40 से 50 फीट ऊंचा वॉच टॉवर निर्मित हो गया है, जहां से सम्पूर्ण् पार्क का नजारा देखा जा सकता है। पार्क ऊंचाई पर होने के कारण वॉच टॉवर से उज्जैन शहर का विहंगम दृश्य भी दिखाई दे रहा है। कभी घांस बीड़ रहा यह पार्क आज जंगल में तब्दील हो गया है। इस पार्क को तैयार करने में वन विभाग के रेंजर श्री गयाप्रसाद मिश्रा, फॉरेस्टर श्री बीएन त्रिपाठी और श्री ओमप्रकाश देवतबल ने लगन और मेहनत से काम किया है।