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हृदय परिवर्तन का पर्व है चतुर्मास, बही खातों की तरह जीवन का भी रखें हिसाब



खाराकुआं पेढ़ी मंदिर पर साध्वी मंडल का मंगल प्रवेश, धर्म सभा में जिनवाणी से जुड़ने का दिया सन्देश 
उज्जैन। चातुर्मास केवल 4 माह की अवधि नहीं यह हृदय के परिवर्तन का पर्व है। जिस तरह अप्रैल से मार्च व्यापारी अपने बहीखातों का हिसाब-किताब मिलान करते हैं उसी तरह पूरे साल में हमने क्या किया, क्या नहीं इसके मिलान की अवधि है चातुर्मास। यदि इस अवधि में धर्म का बैलेंस ठीक रहा जीवन का खाता सही चलेगा। आपका यही खाता सही करने के लिए साधु-संत 4 माह नियत स्थान पर रहकर जिनवाणी का श्रवण कराते हैं। 
यह उद्गार आगमोद्धारक समुदायवर्तनी साध्वीवर्या पुर्णयशा श्रीजी महाराज ने शुक्रवार को खाराकुआं पेढ़ी मंदिर उपाश्रय में व्यक्त किए। इससे पूर्व सुबह 8.30 बजे दौलत गंज स्थित कांच के जैन मंदिर से साध्वी मंडल का प्रवेश सामैया (जुलुस) निकला। जिसमें आगे जिनशासन ध्वजा, सजे धजे परिधान में महिला मंडल, बैंड बाजे व बड़ी संख्या में समाजजन शामिल रहे। मार्ग में समाजजनों ने अक्षत गहुली कर साध्वी मंडल की अगवानी की। इंदौर गेट, दौलतगंज, फवारा चौक होते हुए जुलूस श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी मंदिर खाराकुआं पहुंच धर्म सभा में परिवर्तित हुआ। पेढ़ी मंदिर पर इस वर्ष साध्वीवर्या पुर्णयशा श्रीजी के साथ हर्षप्रज्ञा श्रीजी मसा, कल्पयशा श्रीजी मसा, मेधवर्षा श्रीजी, पदमवर्षा श्रीजी मसा आदि ठाणा का चातुर्मास यहाँ होगा। धर्म सभा से पूर्व मनोहर इंदु महिला मंडल, नवरत्न महिला मंडल, सुरेंद्र तरवेचा, ममता जैन खली वाला ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए। स्वागत भाषण पेढ़ी ट्रस्ट अध्यक्ष महेंद्र सिरोलिया ने दिया व चातुर्मास की भूमिका ट्रस्टी गौतमचंद धींग ने बताई। पेढ़ी सचिव जयंतीलाल जैन तेलवाला के अनुसार साध्वी मंडल इंदौर से पैदल विहार कर उज्जैन पधारा है। चातुर्मासिक अवधि में विभिन्न धर्म आराधना तपस्या व अनुष्ठान आदि होंगे। परम पूज्य साध्वी वर्या का उज्जैन से गहरा नाता है इसी कारण उन्होंने यहां के श्रीसंघ की विनती स्वीकार कर चातुर्मास प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन राहुल कटारिया ने किया एवं आभार दिलीप सिरोलिया ने माना। इस मौके पर नरेंद्र तरसिंग, रमणलाल जैन, संजय जैन खलीवाला, संतोष धींग, बाबूलाल बिजलीवाला, प्रेम चौरड़िया, प्रकाश नाहर, महेंद्र नाहर, पुरालाल गांधी, अशोक भंडारी, अभय जैन भैया, संजय संघवी, सुभाष कोठारी, अभय दाता सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। मंगल प्रवेश के मौके पर साधर्मिक वात्सल्य भी आयोजित हुआ। 

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