जो दुकानें अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आती उन्हें भी जबरिया हटा दिया
भारती परिवार द्वारा मंदिर विकास में दी भूमि का अब तक नहीं मिला मुआवजा न जमीन के बदले जमीन और अब प्रशासन अतिक्रमणकर्ता बता रहा-पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने की कड़ी निंदा
उज्जैन। मंगलनाथ क्षेत्र में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में जो दुकानें अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आती उन्हें भी हटाए जाने पर पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने आपत्ति ली है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारती परिवार ने मंगलनाथ मंदिर के विकास में निजी भूमि भी बेझिझक दे दी उसका न तो अब तक मुआवजा मिला और न ही उसके बदले जमीन दी और प्रशासन शासकीय विज्ञप्ति जारी कर हमें अतिक्रमणकर्ता बता रहा है।
पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने कहा कि कलेक्टर मनीषसिंह द्वारा पिछले दिनों मंगलनाथ मंदिर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई पर की हम सराहना करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं। मंदिर प्रशासक सक्सेना द्वारा सभी दुकानों के आवंटन कर दुकानें संचालित करवाई उस पर की गई कार्रवाई उचित थी लेकिन अन्य जो अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आता और न ही स्थाई निर्माण है उन्हें भी प्रशासन द्वारा जबरिया तरीके से हटवाया गया। साथ ही संपूर्ण कार्रवाई को अतिक्रमण बताकर प्रशासन ने हमें भी अतिक्रमणकर्ता बताया इस पर हमें आपत्ति है और इसकी कड़ी निंदा करते हैं। राजेन्द्र भारती ने कहा मंदिर के विकास के लिए भारती परिवार कभी भी पीछे नहीं रहे। जब-जब विकास की प्रक्रिया प्रारंभ हुई चाहे निजी भूमि हो या पुजारियों को दी गई जमीन जो उसके अधिकार क्षेत्र की है उसको भी बेझिझक दे दिया। जबकि वैधानिक दृष्टि से अगर जमीन अधिग्रहण की जाती है चाहे शासकीय हो तो ली गई जमीन के एवज में पुजारी को अन्यत्र जमीन की आवश्यकता होती है और जो निजी भूमि भी मंदिर विकास के लिए ली गई तब से आज तक न ही जमीन और न ही मुआवजा भारती परिवार को मिला। इन सब बातों की दृष्टिगत रखते हुए समय दिये जाने की आवश्यकता थी साथ ही सौहार्द्रपुर्ण चर्चा विमर्श के माध्यम से ही संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न की जा सकती थी लेकिन भय के वातावरण के साथ कार्य को संपादित किया गया और बार-बार परिवर्तन कर स्थल चिन्हित किया गया। आज भी भूमि का सीमांकन और नपती व्यवस्थित तरीके से नहीं हुई है।