देश की तरक्की के लिए एक दूसरे का दर्द बांटे
पैगाम-ए-इंसानियत सेमिनार में दिया अमन शांति का संदेश
उज्जैन। इस देश की तरक्की के लिए जरूरी है कि हम सब मिलकर एक दूसरे का दर्द बांटे, सभी इंसान ईश्वर का परिवार है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इस तरह रहें जैसे कि आपस में सगे भाई रहते हैं। अगर ये माहौल उज्जैन से शुरू होकर पूरे मुल्क में फैले तो हमारे मुल्क पर किसी बाहरी ताकत की नजर नहीं लगेगी। ये मुल्क दुनिया भर में अमन व शांती की मिसाल होगा।
उक्त बात मौलाना मौज रह. की दरगाह पर इंसानियत के पैगाम पर आयोजित पैगाम-ए-इंसानियत सेमिनार में सभी धर्मों के सफूी संतों ने एक स्वर में कही। मशाल एज्युकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष अशरफ पठान के अनुसार आयोजन के मुख्य अतिथि बड़े पीर के वंशज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य शेख सय्यद पीर कादरी, शाह मुस्तफा रिफाई जीलानी रहे। उनके साथ बैंगलूर से मुफ्ती सय्यद बाकर अरशद, सैय्यद शाहिद अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में रमण गुरू, अखंड महाराज सहित अन्य धर्म गुरू एवं समाजसेवी, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। देर रात तक लोहे का पुल मस्जिद मर्कज में भी इसी तरह का प्रोग्राम हुआ। जिसका उद्देश्य समाज सुधार था। दोनों कार्यक्रमों का संचालन सैय्यद नासिर अली नदवी ने किया एवं प्रोग्राम का आयोजन रूहानी एकेडमी, पैगामे इंसानियत सोसायटी, मशाल ग्रुप, शहर के उलमा ने किया।