हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए राज्य सरकार से किया जवाब तलब
मामला मिल मजदूरों के भुगतान का-जवाब प्रस्तुत नहीं किया तो अगली सुनवाई में प्रमुख सचिव को हाजिर होने के निर्देश
उज्जैन। बिनोद मिल की भूमि को नीलाम करने का आदेश हाईकोर्ट इंदौर की सिंगल बैंच और डबल बैंच द्वारा किया जा चुका है ताकि उससे प्राप्त राशि से मजदूरों के 67 करोड़ के क्लेम का भुगतान हो सके। हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सोमवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार पर नाराजगी जताते हुए जवाब तलब किया है। जवाब प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर हाजिर होने हेतु निर्देशित किया है।
मजदूर संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाशसिंह भदौरिया ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर स्थगन आदेश दिया था कि राज्य शासन श्रमिकों के समस्त भुगतान करने के वादे से पीछे नहीं हटेगी। उज्जैन मिल मजदूर संघ की तरफ से हाईकोर्ट इंदौर और सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे एडव्होकेट धीरजसिंह पंवार ने हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रखा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने मजदूरों के भुगतान की अंडरटेकिंग देने के बावजूद राज्य शासन ने न तो मजदूरों का भुगतान किया है न ही आवेदन का जवाब दिया जा रहा है। संतोष सुनहरे के अनुसार हर माह दो-तीन श्रमिकों की मृत्य हो रही है एवं सभी श्रमिक 60 से 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। मृत श्रमिकों की सूची सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई गई है।