अब कोर्ट नहीं जाएंगे डॉक्टर अस्पताल से दे सकेंगे बयान
जिला अस्पताल, चरक व माधवनगर अस्पताल के डॉक्टर्स को अब कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अस्पताल से ही गवाही दे सकेंगे, पीएम रिपोर्ट व एमएलसी यानी मेडिकोलीगल केस की रिपोर्ट पढ़ सकेंगे। इसके लिए चरक अस्पताल के प्रथम तल पर सिस्टम लगना शुरू हो गया है।
मारपीट, मृत्यु या हत्या आदि प्रकरणों में डॉक्टर्स को जिले के न्यायालयों व कोठी क्षेत्र में स्थित कोर्ट में बयान देने के लिए जाना पड़ता है। इस वजह से मरीजों को डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। अब कोर्ट पेशी होने पर भी डॉक्टर अस्पताल परिसर में ही उपलब्ध हो सकेंगे। चरक अस्पताल में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष तैयार किया जा रहा है। जिसमें एलईडी, कम्प्यूटर, कैमरे आदि लगाए जाएंगे। कार्य पूरा होने के बाद यहां से वीसी शुरू की जाएगी। जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार डॉक्टर्स व स्टाफ की कोर्ट पेशी होने पर वे वीसी के माध्यम से बयान दे सकेंगे। एमएलसी व पीएम में उनकी गवाही होती है, जिनकी रिपोर्ट पढ़ सकेंगे। इससे उनके कोर्ट आने-जाने का समय बचेगा। अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध रह सकेंगे। मरीजों को इलाज मिल सकेगा। सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया ने बताया चरक अस्पताल में वीसी कक्ष तैयार किया जा रहा है।
विभाग की वीसी हो सकेगी
स्वास्थ्य विभाग की विभागीय वीसी हर सप्ताह होती है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बृहस्पति भवन स्थित एनआईसी कक्ष में जाना पड़ता है। वीसी की व्यवस्था शुरू होने से उन्हें यहां-वहां नहीं जाना पड़ेगा। अस्पताल के वीसी कक्ष से बैठ कर वे समीक्षा बैठक में शामिल हो सकेंगे।
विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे
सख्याराजे भवन में संचालित कैंसर अस्पताल में मरीजों को एडवांस तकनीक से इलाज मिल सके, इसके लिए यहां के डॉक्टर वीसी के माध्यम से अमेरिका के कैंसर विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे। उन्हें मरीजों की स्थिति तथा क्या उपचार दिया जा रहा है, इस बारे में बता सकेंगे तथा आगे के इलाज के बारे में जान सकेंगे।