लोक उत्सव में मालवी गीत और माच से जीवंत की संस्कृति
ujjain @ संस्कृत विभाग के सहयोग से संस्था रंग उत्सव उज्जैन द्वारा मालवा की लोक परंपरा पर आधारित मालवा लोक उत्सव 2018 की शुरुआत रविवार से हो गई। श्रीरामी माली समाज धर्मशाला मालीपुरा में पहले दिन सांवर के चिन्तन त्रिवेदी एवं दल ने लोक गीत आैर भजनों की प्रस्तुति दी। गणेश वंदना सेवा म्हारी मानिलो...से उन्होंने प्रस्तुति की शुरुआत की। सरस्वती वंदना मां शारदे वर दे... आैर भजन शिवनाथ तेरी महिमा, सब तीन लोक गाएं... के बाद मालवी लोकगीत पगल्या पूजो..., मेबाजी आपे..., आयो रे फागण..., अलख निरंजन... सहित अन्य लोक गीत सुनाए। चिन्तन त्रिवेदी के अलावा मनमोहन बैरागी, नितिन बोड़ाना, शोभा सक्सेना आैर मनीषा व्यास ने गायन किया। वाद्य साधक राकेश बड़गोत्या, विशाल तिलकर आदि थे। संस्था के नंदन चावड़ा ने बताया चार दिनी मालवा लोक उत्सव में सोमवार शाम 7:30 बजे से श्री विश्रामजी माच मंडल गौतमपुरा द्वारा सुरेश पंवार के निर्देशन में माच राजानल का मंचन किया जाएगा।