लोक अदालत का आयोजन आज, सम्पत्ति के प्रकरण के निपटारे में पैनल्टी में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी
नगर पालिक निगम के कई प्रकरणों के निपटान में अधिभार की छूट
उज्जैन । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली के निर्देशन में तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आरके वाणी के मार्गदर्शन में शनिवार 14 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिले की 5 तहसीलों में किया जायेगा। लोक अदालत के माध्यम से उज्जैन नगर निगम में सम्पत्ति कर, जल कर आदि प्रकरणों के निपटारे में अधिभार में छूट दी जायेगी। सम्पत्ति कर के ऐसे प्रकरण, जिनमें कर तथा अधिभार राशि 50 हजार से अधिक व एक लाख रूपये तक बकाया होने पर अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी।
लोक अदालत में छूट वित्तीय वर्ष 2016-17 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री पदमेश शाह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिक निगम में सम्पत्ति कर के ऐसे प्रकरण, जिनमें कर तथा अधिभार की राशि एक लाख रूपये से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जायेगी। जल कर के ऐसे प्रकरण, जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 10 हजार से अधिक व 50 हजार रूपये तक बकाया होने पर पैनल्टी में 75 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जायेगी। इसी तरह जल कर में 50 हजार से अधिक बकाया होने पर पैनल्टी में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी। यह छूट वित्तीय वर्ष 2016-17 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी। छूट उपरान्त राशि अधिकतम दो किश्तों में जमा कराई जायेगी। इसमें कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा कराई जाना अनिवार्य होगी। यह छूट वर्ष 2018 में नेशनल लोक अदालत के लिये ही मान्य होगी।
चेक बाउंस मामलों में शमन शुल्क पर छूट
धारा-138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अन्तर्गत आने वाले प्रकरणों में 50 हजार रूपये तक की चेक रकम, वरिष्ठ नागरिक अभियुक्त होने पर (60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग), महिला अभियुक्त होने पर, दिव्यांग अभियुक्त होने पर (40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र पेश करने पर), पांच साल से अधिक लम्बित मामलों में नेशनल लोक अदालत में चेक बाउंस मामलों में शमन शुल्क में 100 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकेगी। इसी प्रकार 50 हजार से एक लाख रूपये तक की चेक रकम के प्रकरणों में शमन शुल्क में 25 प्रतिशत छूट दी जायेगी। एक लाख से अधिक की चेक रकम के प्रकरणों में शमन शुल्क 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। यह छूट मात्र शनिवार 14 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में समझौता करने पर ही मान्य होगा।
44 खण्डपीठों के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा
नेशनल लोक अदालत में जिला मुख्यालय पर स्थित न्यायालय एवं तहसील मुख्यालयों पर स्थित न्यायालय सहित कुल 44 खण्डपीठों के माध्यम से आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम सम्बन्धी, श्रम, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, बैंक वसूली, प्रीलिटिगेशन एवं बैंकों के न्यायालय में लम्बित प्रकरण, धारा-138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, नगर पालिक निगम- जलकर, सम्पत्ति कर, बीएसएनएल के बकाया बिल वसूली सम्बन्धी प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।
निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, कृषि आदि के प्रकरणों में छूट मिलेगी
नेशनल लोक अदालत में विद्युत विभाग द्वारा लम्बित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पांच किलोवाट भार तक के गैर-घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जायेगी। इस प्रकार प्रीलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छहमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर शत-प्रतिशत की छूट दी जायेगी। लिटिगेशन स्तर पर विद्युत कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छहमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी।
सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी
छूट की शर्तें
आवेदक को निर्धारित छूट के उपरान्त शेष देयक आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी, अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जायेगी। विद्युत चोरी के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता छूट प्राप्त करने के अधिकारी नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी। उक्त छूट 14 जुलाई की नेशनल लोक अदालत में समझौता करने के लिये ही लागू रहेगी।
अदालत में रखे जायेंगे निम्न प्रकरण
न्यायालय द्वारा लम्बित प्रकरणों में से धारा-138 एनआई एक्ट-750, मोटर दुर्घटना दावा-383, आपराधिक प्रकृति-1352, विद्युत देयक बकाया वसूली-2200, हिन्दू विवाह अधिनियम-25, सिविल-295, धारा-125 दंप्रसं-238 तथा प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में से बैंक ऋण वसूली-1000, उक्त प्रकरण लोक अदालत में राजीनामे के माध्यम से निराकरण हेतु रखे गये हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री पदमेश शाह ने अपील की है कि उक्त नेशनल लोक अदालत में कई वर्षों से न्यायालयों, विभागों में लम्बित प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का राजीनामे के आधार पर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करवाकर लाभ लें।