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बुराड़ी आत्‍महत्‍या काण्‍ड : घटना वाली रात परिवार ने खरीदे चार नये स्‍टूल



नई दिल्ली। बुराड़ी में सामूहिक खुदकशी मामले में बुधवार को क्राइम ब्रांच को दो ऐसे बड़े सुबूत मिले जिससे तस्वीर और साफ हो गई कि सभी 11 सदस्यों ने अंधविश्वास में आकर जान गंवाईं। ललित के निर्देश का सभी ने अनुकरण किया था। घटना वाली देर रात ललित की पत्नी टीना व 12 साल का बेटा शिवम बाजार से प्लास्टिक के चार स्टूल खरीदकर लाए थे।

चारों की तस्वीरें गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं। क्राइम ब्रांच की टीम को एक और रजिस्टर मिला है। वहीं बुधवार को यह रजिस्टर मकान की नए सिरे से तलाशी लेने के दौरान कमरे में बिस्तर के नीचे से मिली है। इसके अलावा पुलिस को कई डायरियां भी मिली हैं। इसमें 2007 से धर्म, अध्यात्म, पूजा-पाठ, ईश्वर भक्ति, परमात्मा आदि की वही बातें लिखी हैं, जो पहले मिले तीन अन्य रजिस्टरों में लिखे थे।

बुधवार को भी क्राइम ब्रांच की टीम ने सुबह से देर रात तक ललित के घर के पड़ोस व आसपास में रहने वाली कई महिलाओं व पुरुषों से मरने वाले सभी 11 लोगों के स्वभाव के बारे में विस्तृत पूछताछ की।

बुधवार को क्राइम ब्रांच की टीम जब बुराड़ी के संत नगर की गली नंबर दो में जाकर जांच की तो चार सीसीटीवी कैमरे लगे हुए पाए गए। एक कैमरा मंदिर के पास, एक ललित के मकान के सामने, एक उसकी दुकान के सामने व एक गली के अंतिम छोर पर मिला।

चारों कैमरे की फुटेज की जांच करने पर क्राइम ब्रांच को सनसनीखेज जानकारी मिली। ललित की दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में पाया गया कि 30 जून की रात 10.20 से 10.40 के दौरान भुवनेश व ललित ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर रस्सी व तार लेकर भूतल से पहली मंजिल पर स्थित घर गए थे।

गली के अंतिम छोर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पाया गया है कि ललित की पत्नी टीना व 12 साल का बेटा शिवम प्लास्टिक के चार स्टूल खरीदकर घर जा रहे हैं। दुकान के कर्मचारी सुनील से पूछताछ करने पर उसने चार स्टूल खरीदने की पुष्टि कर दी। इससे साबित हो रहा है कि फंदे पर लटकने की योजना सभी ने सामूहिक रूप से पहले ही बना ली थी। आशंका है किसी स्टूल का एक व्यक्ति तो किसी का दो लोगों ने मिलकर इस्तेमाल किया हो।

मकान को मंदिर बनाना चाहते हैं पड़ोसी-
जिस मकान में 11 सदस्यों की मौत हो गई। वहां अब कोई रहने को तैयार नहीं है। स्थिति यह है कि डर के कारण रात के वक्त स्थानीय निवासी भी इस गली से गुजरने से बच रहे हैं। यही नहीं उस मकान को मंदिर बनाया जा सकता है। इस संबंध में मोहल्ले के लोगों ने परिवार के बड़े बेटे दिनेश से चर्चा की है। पड़ोसियों के मुताबिक उन्होंने अभी कोई स्प्ष्ट संकेत नहीं दिया है। हालांकि असहमति भी नहीं जताई है। हालांकि परिवार की एक मात्र बची बेटी सुजाता को जरूर इस बात पर आपत्ति है।

दिनेश व उनकी बहन से फिर होगी पूछताछ-
क्राइम ब्रांच ललित के बड़े भाई दिनेश व बड़ी बहन सुजाता से दो हफ्ते बाद दोबारा पूछताछ करेगी। दिनेश राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में परिवार के साथ रहते हैं और वह वहां सिविल कांट्रेक्टर हैं। वहीं ललित की बड़ी बहन सुजाता पानीपत में रहती हैं। कुछ करीबी रिश्तेदारों से अभी और पूछताछ होनी थी। क्रिया-कर्म के लिए उन्होंने 12 दिन की मोहलत मांगी है। जिस पर क्राइम ब्रांच ने उन्हें 12 दिन बाद फिर दिल्ली आकर जांच में शामिल होने को कहा है।

 

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