विदाई ले रहे सबसे, हमें अब दूर जाना है, मिलेंगे फिर कभी सबसे, ये अवसर फिर से आना है
छात्र संस्कार शिविर के छात्रों को दी विदाई
उज्जैन। गायत्री परिवार पर 10 जून से चल रहा छात्र संस्कार शिविर गुरुवार को दोपहर 1 बजे विदाई सत्र के साथ संपन्न हो गया। विदाई समारोह में झोन अध्यक्ष विनीता शर्मा ने छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए कहा कि जो शिविर में सीखा है उसे जीवन में उतारना। आपके जन्मदिन के अवसर पर उपस्थित शिविरार्थियों ने बधाई गीत गाकर जन्मदिन की बधाई दी। उपक्षोन समन्वयक महाकालेश्वर श्रीवास्तव ने मंगल तिलक लगाया।
महाकालेश्वर श्रीवास्तव ने शिविरार्थियों से अपने विदाई संदेश में कहा कि यह पांच दिन आपके जीवन के यादगार दिन बने। आज आपको गायत्री शक्तिपीठ के प्रांगण से विदा दे रहे हैं लेकिन आप सब हमारे ह्रदय में सदा बने रहोगे। छात्रों के संकल्प पत्रों की समीक्षा करते हुए देवेन्द्रकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लगभग सभी छात्रों ने सूर्याेदय से पूर्व उठने का, सुबह माता-पिता के चरण स्पर्श करने, गायत्री महामंत्र जप और नित्य योगाभ्यास करने का संकल्प लिया है। आपने पढ़ाई के दौरान थकान महसूस होने पर नादयोग का अभ्यास करने की सलाह छात्रों को दी। समय, बिजली, पानी का अपव्यय न करने, आगामी वर्षा ऋतु में एक पौधा सुरक्षित स्थान पर लगाने की देव दक्षिणा छात्रों से मांगी गई जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार किया। प्रातःकाल यज्ञ के साथ 35 छात्रों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली। बुधवार को हुए कबड्डी मैच की विजेता टीम और 7 श्रेष्ठ शिविरार्थियों को पुरस्कृत किया गया विवेक धाकड़ वेरछा को सर्वेश्रेष्ठ शिविरार्थी के रूप में पुरुष्कृत किया।
देवेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि शिविर की गतिविधियों को निरंतर बनाए रखने के लिए माह में दो बार छात्रों की तथा दो बार छात्राओं की संस्कार कक्षा गायत्री शक्तिपीठ पर लगाई जाएगी।