307 का प्रकरण दर्ज करने की बजाय, पुलिस बना रही दबाव अस्पताल से करवाओ बच्चे की छुट्टी
उज्जैन। मैं इस मामले में आपकी पूरी मदद करूंगा लेकिन पहले आप हॉस्पिटल
से शाश्वत की छुट्टी करवा लीजिए। मेरे पास सभी कागज उपलब्ध हो जाएंगे
उसके बाद मैं हरीश शर्मा और उसके पुत्र मयंक शर्मा के खिलाफ कड़ी से कड़ी
कार्यवाही करवाऊंगा।
ऐसी कुछ बात नानाखेड़ा थाने के एएसआई राधेश्याम के द्वारा हमले में घायल
पीड़ित के पिता श्याम शर्मा से कही जा रही है। 11, मुंज मार्ग फ्रीगंज
निवासी श्याम शर्मा के अनुसार इस घटना में तो मेरे द्वारा भी प्रकरण दर्ज
करवाया गया है, लेकिन इस घटना में मेरे पुत्र के गंभीर रूप से घायल होने
के बावजूद भी आरोपियों के खिलाफ धारा 323, 294, 506 के तहत ही प्रकरण
दर्ज किया गया है। एएस आई हम पर ही दबाव बना रहे है जो कि सरासर गलत है।
शर्मा ने बताया कि गत 9 जून को वे इंदौर रोड स्थित अपने भट्टे पर कुछ
काम करा रहे थे तभी उनका पुत्र शाश्वत शर्मा उनसे मिलने पहुंचा था। पिता
पुत्र के बीच बात चल रही थी कि तभी हरीश शर्मा उनका पुत्र मयंक शर्मा
यहां पहुंचे और ट्रैक्टर में ईट भरने पर विरोध जताने लगे। और कहा कि ईट
के ढेर के पीछे हमारी लकड़ियां पड़ी है अभी यह ईट का ढेर मत हटाओ। जब काम
कर रहे मजदूरों ने यह ईट हटाई तो हरीश और मयंक नाराज हो गए और उन्होंने
ईट से हमला कर दिया। इस घटना में शाश्वत शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया।
जिसे 108 की सहायता से तुरंत जिला चिकित्सालय ले जाया गया लेकिन यहां
डॉक्टरों ने उपचार करने की वजह सिर्फ शाश्वत को टांके लगा दिया। शाश्वत
के बेहोशी की हालत में होने पर परिजन उन्हें तुरंत सीएचएल अस्पताल ले गए।
जहां वर्तमान में न्यूरो सर्जन डॉ रूपेश खत्री द्वारा उनका इलाज किया जा
रहा है।
उचित कार्यवाही के लिए दिया ज्ञापन
इस मामले में गंभीर रूप से घायल शाश्वत के परिजन हरीश शर्मा व उसके पुत्र
के खिलाफ धारा बढ़ाकर कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर को
एक ज्ञापन दे चुके हैं। ज्ञापन में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि
यह पिता-पुत्र स्वयं को भाजपा का पदाधिकारी बताकर इस जांच को प्रभावित कर
रहे हैं।