मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के क्रियान्वयन हेतु 5 सदस्यीय निगरानी समितियों का गठन होगा
उज्जैन । राज्य शासन के निर्णय अनुसार मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के क्रियान्वयन के लिये ग्रामीण क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायतों तथा शहरी क्षेत्रों के प्रत्येक वार्डों में 5 सदस्यीय निगरानी समितियों का गठन किया जायेगा। समितियों के सदस्यों का नामांकन जिले के प्रभारी मंत्री के द्वारा किया जायेगा। अधिकृत आदेश सम्बन्धित जिलों के जिला कलेक्टर के हस्ताक्षर से पंचायतवार तथा वार्डवार जारी किये जायेंगे।
श्रम विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे ने प्रदेश के समस्त संभागायुक्तों, समस्त कलेक्टरों, समस्त नगर पालिक निगम आयुक्तों, समस्त जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और समस्त नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। निर्देश के तहत ग्राम पंचायतों तथा शहरी क्षेत्रों के वार्डों में 5 सदस्यीय निगरानी समितियों के सदस्यों में वार्ड/पंचायत क्षेत्र के पंजीकृत असंगठित श्रमिकों में से कोई 3 (1 महिला सहित) का होना अनिवार्य होगा। समिति में 2 प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता होंगे। 5 सदस्यों में से कम से कम 1 सदस्य अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग का होना चाहिये।
समिति के सदस्यों का दायित्व होगा कि पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के सम्बन्ध में जानकारी देना और पात्र हितग्राही को उक्त योजना से लाभान्वित कर सहायता पहुंचाना है। इसी तरह समिति के क्षेत्र में निवासरत पात्र व्यक्तियों का योजना में पंजीकरण करवाना तथा पात्र हितग्राही को लाभ मिलने में होने वाली कठिनाईयों का समाधान करना होगा। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव के उक्त निर्देशों के अनुसार जिला कलेक्टर अपने-अपने जिलों में निगरानी समितियों का गठन 30 जून तक करेंगे।