top header advertisement
Home - उज्जैन << पर्यावरण संरक्षण के लिए किया यज्ञ

पर्यावरण संरक्षण के लिए किया यज्ञ



उज्जैन। पर्यावरण दिवस पर संस्था रूपांतरण ने कालिदास अकादमी में पर्यावरण संरक्षण यज्ञ द्वारा प्रकृति के अग्नि तत्व की मदद से वायु और आकाश तत्व को शुद्ध और पोषित करने का प्रयास किया। अग्नि कुंड में शुद्धि घी एवं सुगंधित औषधियों से निर्मित हवन सामग्रियों की आहुती से वायु मंडल को पोषित किया गया।
संयोजक राजीव पाहवा के अनुसार प्रकृति के पांचों तत्वों के समावेश से एक पर्यावरण बनता है। पुरातन काल में भारतीय संस्कृति में गाँव-गाँव में यज्ञ होते थे जिससे हमारी ओजोन परत, जो धरती का कवच है, वह मजबूत होता था। भारतीय संस्कृति बहुत ही विकसित और वैज्ञानिक महत्व की रही है। गुलामी काल और भौतिकवाद में उसे धार्मिक रूढ़ीवादीता में घसीट दिया गया, जिसके दुष्परिणाम पूरी सृष्टि के लिए विध्वंसकारी साबित हो रहे हैं। आज हम सामान्य रूप से जागरूक हो कर देखें तो अग्नि द्वारा जो भी पदार्थ जलते हैं, उनका प्रभाव वायुमंडल में अनुभव किया जा सकता है। यदि डिज़ल पैट्रोल के जलने से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, तो वहीं घी और औषधियुक्त सामग्री के जलने से सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे ही। साथ ही वैदिक मंत्र और सर्व कल्याण की प्रार्थना के शब्द भी वायुमंडल मे पहुँच, पूरे आकाश को पोषित करने का कार्य करेंगे। इस उद्देश्य से रूपांतरण द्वारा किये गए यज्ञ में उज्जैन वाले एफबी ग्रुप और उत्कृष्ट विद्यालय के इको क्लब के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भी सहभागिता की।

Leave a reply