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सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 7 दिन के अन्दर मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें


कलेक्टर ने कमजोर प्रदर्शन करने वाली 301 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्लास ली

    उज्जैन । कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सिंहस्थ मेला कार्यालय में जिले में कमजोर प्रदर्शन करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 25 पर्यवेक्षकों की बैठक लेकर उन्हें अपना परफॉरमेंस ठीक करने की चेतावनी दी है। कलेक्टर ने कहा है कि सभी पर्यवेक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं अपने-अपने मुख्यालय पर 7 दिन के अन्दर रहना सुनिश्चित कर लें। उक्त कर्मचारी बाद में मुख्यालय पर नहीं पाये जाते हैं तो उनके निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जो शासकीय कर्मचारी मन से काम करना नहीं चाहते हैं और लापरवाही बरतते हैं उन्हें 20-50 योजना के तहत सेवा निवृत्ति दे दी जायेगी। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर्यवेक्षकों के निर्देशों का पालन नहीं करती हैं उनको तुरन्त प्रभाव से नौकरी से हटाने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये हैं। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना समन्वयक श्री सीएल पासी, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, सभी परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं मौजूद थीं।

परियोजना अधिकारी की विभागीय जांच होगी

    कलेक्टर ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को कहा है कि यदि उनके परियोजना क्षेत्र में पौष्टिक आहार (टेक होम राशन) के पैकेट  निजी दुकानों पर बिकते हुए पाये जाते हैं तो उनके विरूद्ध विभागीय जांच बैठाई जायेगी। सम्बन्धित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करते हुए 151 में जेल भेज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि खुले मार्केट में इस तरह की वस्तुओं के बिकने की जानकारी पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं परियोजना अधिकारी को होती है और इसके लिये वे जिम्मेदार माने जायेंगे। कलेक्टर ने कहा है कि महिला बाल विकास विभाग के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी को परफेक्शन के साथ काम करना होगा। बैठक में कलेक्टर ने तराना के ग्राम गोलवा एवं आगर रोड की आंगनवाड़ियों द्वारा एमआईएस रिपोर्ट में शून्य पर्यवेक्षण दर्ज करने पर नाराजगी व्यक्त की एवं भविष्य में लापरवाही न करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा है कि एमआईएस रिपोर्ट में डाटा इंट्री नहीं करने का मतलब यह होता है कि सम्बन्धित पर्यवेक्षक द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है।

    बैठक में जिला परियोजना समन्वयक श्री सीएल पासी के द्वारा जानकारी दी गई कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से जिले में शून्य से 6 वर्ष के बच्चे, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की सेवाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इसके तहत टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य सेवा, स्कूल एवं अनौपचारिक शिक्षा, पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच एवं विभिन्न सन्दर्भ सेवाएं दी जाती हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के विभिन्न कार्य बिन्दु

    जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों का समय-सारणी के अनुसार संचालन किया जाता है। सहायिकाओं द्वारा प्रतिदिन कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों को घर-घर जाकर आंगनवाड़ी केन्द्र लाया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र में नाश्ता, भोजन, तीसरा भोजन प्रतिदिन समक्ष में खिलाया जाता है। शत-प्रतिशत हितग्राहियों को प्रति मंगलवार को टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया जाता है। इसका उपभोग करने के लिये भी परिवार को प्रशिक्षित किया जाता है। अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जाता है। गर्भावस्था के पंजीयन के बाद सतत महिलाओं को स्तनपान की महत्व के प्रति जागरूक किया जाता है। गर्भवती, धात्री तथा 6 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों में एनीमिया के प्रति जागरूकता लाई जाती है। जिले में महिला बाल विकास विभाग की संरचना के तहत जिला अधिकारी के रूप में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्य करते हैं। उनके अधीन परियोजना अधिकारी प्रत्येक विकास खण्ड में कार्यरत हैं। परियोजना अधिकारी की सहायता के लिये विभिन्न आंगनवाड़ियों पर पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है। पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के कार्य पर नजर रखती हैं।

 

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