कृषि विभाग द्वारा बुवाई के लिये सलाह जारी की गई
उज्जैन । किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा खरीफ मौसम में फसल बुवाई के लिये बीज व्यवस्था, बीजोपचार, बीज दर एवं उर्वरकों के उपयोग को लेकर किसानों के लिये सलाह जारी की गई है।
उप संचालक कृषि श्री सीएल केवड़ा ने किसानों से आव्हान किया है कि वे सोयाबीन फसल बुवाई के समय बीजों के अंकुरण का परीक्षण अवश्य करें। 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बुवाई के लिये रखें। विश्वसनीय संस्थान से बीज खरीदें एवं उसका पक्का बिल लें।
किसानों को कहा गया है कि सोयाबीन के बीज का आकार एवं पूर्ण अंकुरण क्षमता के अनुसार छोटे दाने वाली अनुशंसित प्रजाति के बीज की बीज दर 75 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर, मध्यम आकार के सोयाबीन का 60 से 65 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर एवं बड़े दाने वाली किस्म के बीज का 70 से 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के मान से बोना चाहिये। किसानों से कहा गया है कि बुवाई के पहले उपलब्ध बीज की अंकुरण क्षमता की जांच अनिवार्य रूप से कर ली जाये।
सोयाबीन के बीज की किस्म
कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन के उन्नत बीज की किस्मों की अनुशंसा की गई है। इनमें जेएस 9560, जेएस 9305, नवीन किस्मों में जेएस 2034, जेएस 2029 और आरवीएस 200104 है।
बीज उपचार
बीज की बुवाई से पूर्व बीजोपचार करना आवश्यक है। इस हेतु जैविक फफूंदनाशक ट्रायकोडर्मा वारीडी 5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज या अन्य फफूंदनाशक कार्बोऑक्सीन प्लस थायरम या कार्बन डाईजिम से दो-तीन ग्राम प्रति किलो बीज के मान से उपचारित किया जाये। इसके बाद राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज के मान से उपयोग करें।
उर्वरक
किसानों को सलाह दी गई है कि वे पांच टन गोबर की खाद अथवा दो से तीन टन वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर के अतिरिक्त नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश एवं सल्फर की मात्रा क्रमश: 20:60:30:20 के मान से उपयोग करें। किसान एनपीके 200 किलोग्राम एवं 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर का उपयोग कर सकते हैं। इसी तरह डीएपी 111 किलोग्राम एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किलोग्राम और 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट उपयोग किया जाना चाहिये।
बुवाई
फसल बुवाई डबल पेटी वाली सीड ड्रील से की जाती है तो यह उत्तम रहेगा। डबल पेटी वाली सीड ड्रील न हो तो अन्तिम जुताई के साथ अनुशंसित उर्वरक का उपयोग किया जाये।