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मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से दीक्षिता को मिला नया जीवन


 

उज्जैन । उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील के ग्राम दौलतपुरा निवासी श्री वासुदेव बेहद गरीब व्यक्ति हैं एवं मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। लगभग 8 माह पूर्व उनके घर मे दीक्षिता का जन्म हुआ तो उनके परिवार मे खुशियों की झड़ी सी लग गई थी। थके हारे श्री वासुदेव मजदूरी करके जब अपने घर लौटते थे तो अपनी लाड़ली बिटिया दीक्षिता के हंसमुख चेहरे को देखकर पुलकित हो जाते थे। धीरे-धीरे दीक्षिता बड़ी हो रही थी और वह बैठने लग गई थी। बच्ची की मां ललिता को कुछ दिनों से दीक्षिता की कमजोर हालत महसूस कर रही थी एवं उसके मन मे रह रहकर उसके स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता हो रही थी।

दस्तक अभियान के दौरान दीक्षिता की जांच में हृदय में छेद का पता लगा

इसी दौरान जिले में दस्तक अभियान चल रहा था। अभियान के दौरान 0 से 05 वर्ष की उम्र के  बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको उचित उपचार प्रदान किया जा रहा था। इस दौरान ग्राम दौलतपुरा में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण दल ने दीक्षिता का स्वास्थ्य परीक्षण किया। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा दीक्षिता को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दल के पास उपचार हेतु भेजा गया। चिकित्सक द्वारा परीक्षण कर इन्हे तुरन्त जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी) उज्जैन भेजा गया। जहां आर.बी.एस.के. नोडल अधिकारी, द्वारा दीक्षिता की समस्त प्रकार की जांचे करवाई गईं। परीक्षण में पाया गया कि दीक्षिता के हृदय मे जन्म से ही छेद है एवं उसका जीवन संकट मे है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ.राजू निदारिया द्वारा दीक्षिता को नारायण हॉस्पिटल अहमदाबाद (गुजरात) भेजा गया। डॉ.निदारिया ने दीक्षिता के माता-पिता को अवगत कराया कि बालिका का सम्पूर्ण इलाज मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजनान्तर्गत निःशुल्क किया जायेगा। नारायण हॉस्पिटल अहमदाबाद में दीक्षिता के उपचार की सम्पूर्ण राशि 90 हजार रूपये राज्य शासन द्वारा व्यय की गई। अब दीक्षिता पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है एवं सामान्य जीवन व्यतीत कर रही है। दीक्षिता के माता-पिता अपनी बच्ची के नये जीवन के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

जिले में अभी तक 232 बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया गया

    राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अन्तर्गत छोटे बच्चों मे पाई जाने वाली जन्मजात विकृति सहित लगभग 30 चयनित स्वास्थ्य दोषों को चिंन्हित कर बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है। बच्चों की विकृति को उनके प्रारंभिक जीवनकाल मे ही समाप्त किया जा सके। प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ उज्जैन जिले में भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिले में वर्ष 2017-18 में कुल 210 बच्चों की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये नि:शुल्क सर्जरी करवाई गई। इसमें शासन द्वारा कुल 2 करोड़ 42 लाख रूपये की राशि का व्यय किया गया। इस वर्ष जिले में शासन द्वारा आज दिनांक तक लगभग 22 बच्चों का नि:शुल्क इलाज कर उन पर 51 लाख 58 हजार रूपये की राशि व्यय की गई है। सर्जरी पश्चात सभी बच्चे स्वस्थ्य जीवन जी रहे हैं।

 

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