अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण तंबाकू सेवन जीवन खुबसूरत है, इसे नशे में नष्ट न होने दें –मंत्री श्री जैन अन्तर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर जन-जागृति रैली निकाली गई मंत्री श्री जैन और महापौर ने दिखाई हरी झंडी
उज्जैन । गुरूवार को अन्तर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर शहीद पार्क से विशाल जन-जागृति रैली निकाली गई। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन और महापौर श्रीमती मीना जोनवाल द्वारा जन-जागृति रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह रैली शहीद पार्क से प्रारम्भ होकर प्रमुख मार्गों से होती हुई मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय पर समाप्त हुई।
इस दौरान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने आमजन से अपील की कि मनुष्य का जीवन बेहद खुबसूरत है। इसे नशे में नष्ट न होने दें। उन्होंने कहा कि लगभग 150 वर्षों से तंबाकू का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण तंबाकू सेवन है। मुख्य रूप से लोगों में अशिक्षा, गरीबी और जानकारी के अभाव के कारण वे इसके दुष्प्रभावों को समझ नहीं पाते हैं और इसका सेवन करते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस प्रकार के जन-जागृति कार्यक्रम आयोजित कर लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिये यह पहल प्रशंसनीय है।
महापौर श्रीमती मीना जोनवाल ने कहा कि तंबाकू के उपयोग से कई गंभीर रोग होते हैं, इसलिये इसे त्याग देना ही उचित है। सालों पहले जहां हमारे देश में लोग संक्रामक बीमारियों से मरते थे, वहीं आज अधिकांश लोग तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियों से मरते हैं, जिनमें कैंसर प्रमुख है।
जन-जागृति रैली में बीएससी नर्सिंग की छात्राओं ने बैनर, पोस्टर और पेम्पलेट के माध्यम से आम लोगों में तंबाकू के दुष्प्रभाव एवं उससे होने वाले घातक रोगों की जानकारी प्रचारित की। गौरतलब है कि भारत में तंबाकू के सेवन से हर साल लगभग 10 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। नशे के सेवन से कैंसर, फेफड़े की बीमारी, दमा एवं हृदयाघात जैसी गंभीर बीमारी होती है। वास्तव में नशा मानव समाज के लिये एक अभिशाप है। जिस तरह से आज हमारे देश और प्रदेश में युवाओं का नशे की तरफ रूझान बढ़ रहा है, ये वाकई बहुत गंभीर चिन्ता का विषय है। जिस युवा में हम देश के भविष्य को देखते हैं, उसे आज के नशे के कीड़े ने जकड़ लिया है।
जो लोग सीधे धुम्रपान करते हैं वे अपने साथ-साथ आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। अप्रत्यक्ष धुम्रपान (पेसिव स्मोकिंग) हमारी सोच से अधिक घातक होता है। तंबाकू के धुंए को श्वास में लेने वाले बच्चों में ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा होने तथा फेफड़े का धीमा विकास होने का खतरा होता है।
जन-जागृति रैली में बीएससी नर्सिंग की छात्राओं द्वारा प्रदर्शित किये गये बैनर पर लोगों में तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति जागृति लाने के लिये 'बीड़ी तंबाकू धीमे जहर हैं, सेहत पर ढाते बड़े कहर हैं', 'बीड़ी गुटका और तंबाकू, ये सब सेहत धन के पक्के डाकू', 'न खाईये न खिलाईये, तंबाकू दूर भगाईये', 'तंबाकू है जहां, बीमारियां हैं वहां-वहां', 'स्वास्थ्य की गिनती, सेहत की वर्णमाला, पाऊच गुटको ने सब चौपट कर डाला' आदि स्लोगन प्रकाशित किये गये थे।
शासन द्वारा नशामुक्ति केन्द्रों पर नि:शुल्क उपचार
सीएमएचओ डॉ.राजू निदारिया ने बताया कि स्वयं समाज और देश के स्वर्णिम भविष्य की नींव बनती है किशोरावस्था में। आजकल हमारे देश और प्रदेश के युवाओं में नशे की तरफ रूझान बढ़ रहा है, जो कि चिन्ता का विषय है। तंबाकू गुटका शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। नशे की लत आसानी से छूट सकती है। जिला चिकित्सालय में शासन द्वारा नशामुक्ति केन्द्रों पर नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। नशे के आदि व्यक्तियों को नशामुक्ति केन्द्रों पर लाकर उपचार करवाना चाहिये। नशे की लत से छुटकारा पाने के लिये केवल एक दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इसकी तलब लगने पर हमें अपने आप से जीतना होता है। यदि हम मन में दृढ़ संकल्प लें कि आज के बाद किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करेंगे, तो आसानी से इससे मुक्ति पा सकते हैं। नशामुक्ति से शरीर स्वस्थ बनेगा और हमारी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा, इसलिये आज से ही संकल्प लें, नशा छोड़ें और बेहतर भविष्य से नाता जोड़ें। रैली के दौरान स्वामी मुस्कुराके, आरएमओ डॉ.जीएस धवन, डीएचओ डॉ.शशि गुप्ता और रोगी कल्याण समिति के श्री राजेश बोराना मौजूद थे।