विश्व हिंदी पत्रकारिता दिवस पर हुई सिटी प्रेस क्लब पर संगोष्ठी
पत्रकारिता आजादी के पूर्व भी एक मिशन थी, आज भी कई चुनौतियां-कार्यक्रम उपरांत वरिष्ठ पत्रकार श्री पुरोहित के निधन पर मौन रखकर दी श्रध्दांजलि
उज्जैन। पत्रकारिता आजादी के पूर्व भी एक मिशन थी और आज भी पत्रकारिता के
समक्ष कई चुनौतियां हैं। एक पत्रकार आजादी के पूर्व अंग्रेजों से लड़ता था
व आज सत्ता पर काबिज व्यवस्था से लड़ रहा है।
विश्व हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर फ्रीगंज स्थित सिटी प्रेस क्लब
पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमेश दास,
निरूक्त भार्गव, शैलेन्द्र कुल्मी, महेन्द्रसिंह बैस ने उक्त विचार
व्यक्त किये। वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारिता के समक्ष कई चुनौतियां हैं और
आज के दौर में जबकि सत्ताधारी दल के नेताओं को सही बात अच्छी नहीं लगती
तब पत्रकारिता एक जोखिम हो गई है। एक फिल्ड से जुड़े पत्रकार के लिए
आर्थिक समस्याओं से जूझना भी चुनौती है। इस दौरान पत्रकार सचिन गोयल,
संजय माथुर, हरिमोहन ललावत, उमेश चौहान, जय कौशल, इश्तियाक खान,
जितेन्द्र दुबे, गोविंद सोलंकी, किशोर दग्धी, दुष्यंत वर्मा, धर्मेन्द्र
सिरोलिया, धर्मेन्द्र राठौर आदि उपस्थित थे। संगोष्ठी के पश्चात वरिष्ठ
पत्रकार मदनलाल पुरोहित के देहावसान के बाद सिटी प्रेस क्लब सदस्यों
द्वारा शोक संवेदना व्यक्त की गई और दो मिनिट का मौन रखकर श्रध्दांजलि दी
गई।