जनसुनवाई में आये 150 से अधिक आवेदन
उज्जैन । मंगलवार को बृहस्पति भवन में अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 156 आवेदनों पर जनसुनवाई की गई। भैरवगढ़ रोड ग्यारसी नगर निवासी कंचनबाई पिता ओंकारसिंह ने आवेदन दिया कि उनके पति का निधन हो चुका है और उनके परिवार में उन्हें मिलाकर 3 सदस्य हैं। बड़े बेटे का हाथ फ्रेक्चर होने के कारण वह कार्य करने में असमर्थ है। आवेदिका भी अक्सर बीमार रहती हैं। अत: उनका बीपीएल कार्ड बनवाया जाये, ताकि शासन की विभिन्न योजनाओं का उन्हें समुचित लाभ प्राप्त हो सके। इस पर लोक सेवा प्रबंधक लोक सेवा केन्द्र उज्जैन को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
ग्राम जवासिया कुमार तहसील तराना निवासी भेरूसिंह पिता फतेसिंह और उनके साथ आये अन्य ग्रामीणजनों ने आवेदन दिया कि गांव में उनका खेत आबादी से लगा हुआ है। आबादी में बने कुछ मकानों में रहने वाले कुछ तथाकथित लोगों द्वारा उनके खेत की जमीन पर अतिक्रमण कर मकान का निर्माण किया जा रहा है। इस पर एसडीएम उज्जैन को मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया।
ग्राम छड़ावद तहसील तराना निवासी सियाराम पिता मूलचन्द ने आवेदन देकर शिकायत की कि उन्होंने अपनी चने की उपज की समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिये तराना पंजीयन केन्द्र पर पंजीयन करवाया था। तब केन्द्र के प्रभारी द्वारा प्रिंटर खराब होने का हवाला देकर उन्हें पंजीयन का प्रिंट निकाल कर नहीं दिया गया। बाद में जब आवेदक द्वारा किसी दूसरे संस्थान पर जाकर प्रिंट निकालने का प्रयत्न किया गया, तब पता चला कि उनका पंजीयन ही नहीं किया गया। आवेदक जब केन्द्र पर गये तब उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। आवेदक ने उनका चना भावान्तर में बिकवाने हेतु निवेदन किया। इस पर कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी तराना को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
नरवर निवासी अन्तिमबाला जैन पति धर्मेन्द्र जैन ने आवेदन दिया कि उनके द्वारा साड़ी के व्यवसाय के लिये बैंक ऑफ इण्डिया शाखा नरवर से 50 हजार रूपये के लोन का आवेदन दिया गया था, जिसमें बैंक द्वारा कुछ राशि दी गई है, परन्तु जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से स्वीकृत हुए उपरोक्त ऋण के पश्चात उन्हें सब्सिडी की राशि अभी तक प्रदाय नहीं की गई है। जिला उद्योग केन्द्र जाने पर उन्हें जानकारी दी गई कि उनकी सब्सिडी की राशि खाते में डाल दी गई है, परन्तु बैंक वालों ने बताया कि राशि खाते में नहीं आई है। सब्सिडी की राशि नहीं आने पर बैंक वालों ने उनसे शेष राशि वसूल ली है। अत: इस मामले का निराकरण किया जाये। इस पर जिला उद्योग केन्द्र को पूरे मामले की जांच करने के लिये कहा गया।
ग्राम लेकोड़ियाटांक तहसील खाचरौद निवासी बाबूलाल पिता भेरूलाल ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनकी कृषि भूमि के पास से ही लोक निर्माण विभाग द्वारा भाटखेड़ी-लेकोड़ियाटांक रोड का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण के समय उनकी भूमि सड़क निर्माण में चिन्हित की गई थी, जिसके मुआवजे की राशि की मांग आवेदक ने तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी और पीडब्लयूडी अधिकारी के समक्ष की थी। तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि दिये जाने के सम्बन्ध में अपनी सहमति प्रकट की गई थी, परन्तु पीडब्लयूडी अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि देने में टालमटोल की जा रही है। इस प्रकार आज दिनांक तक उन्हें मुआवजा राशि प्राप्त नहीं हुई है। इस पर तहसीलदार खाचरौद को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
तराना निवासी रामूबाई पति भंवरलाल ने आवेदन दिया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध करवाया जाये। इस पर तराना नगर परिषद को उचित कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
महिदपुर निवासी बसन्त पिता अमराजी ने आवेदन दिया कि वे महिदपुर तहसील के ग्राम नारखेड़ा में निवास करते हैं। वे कोटवार भी हैं तथा उनकी कुछ कृषि भूमि भी गांव में स्थित है। लेकिन गांव से बहने वाली कालीसिंध नदी पर बांध निर्माण के दौरान शासन द्वारा उनकी कृषि भूमि में से 6-7 बीघा जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसका उन्हें आज दिनांक तक कोई मुआवजा प्रदाय नहीं किया गया है और न ही उक्त जमीन के बदले कोई अन्य जमीन प्रदाय की गई है। गांव के अन्य कृषकों को मुआवजा मिल चुका है, अब केवल उनका मुआवजा ही शेष है, अत: उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा राशि प्रदाय की जाये। इस पर एसडीएम महिदपुर को मामले की जांच कर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
ग्राम निनोरा निवासी रणछोड़नाथ पिता गणेशनाथ ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनकी कृषि भूमि की नपती करवाने के लिये उनके द्वारा पूर्व में कई बार आवेदन-पत्र दिये जा चुके हैं, परन्तु सीमांकन नहीं होने के कारण आयेदिन उनका पड़ौसियों से भूमि की सीमा के कारण विवाद पैदा होता है, अत: उनकी कृषि भूमि की नपती करवाई जाये। इस पर तहसीलदार उज्जैन को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया।
ग्राम रामाबालोदा तहसील नागदा निवासी बालूसिंह पिता शिवसिंह ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनकी कृषि भूमि पर आने-जाने का रास्ता एक अन्य व्यक्ति द्वारा बलपूर्वक बन्द कर दिया गया है। उक्त रास्ते का प्रकरण विगत 10 वर्षों से अपर तहसीलदार न्यायालय टप्पा उन्हेल में चल रहा है। आवेदक का कृषि भूमि पर आने-जाने का रास्ता बन्द हो जाने से वह भूमि में कोई फसल नहीं ले पा रहा है, जिस कारण उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, अत: उनकी भूमि पर आने-जाने का मार्ग खुलवाया जाये। इस पर तहसीलदार नागदा को मामले की जांच कर निराकरण करने के निर्देश दिये गये।
तराना निवासी हरिनारायण पिता स्व.सागरमल ने आवेदन दिया कि ग्राम तराना में उनके आधिपत्य की पैतृक भूमि का बिना उनकी जानकारी के गांव के पटवारी द्वारा मनमाने ढंग से फौती नामांतरण कर दिया, जबकि उनके पिता की इच्छा थी कि मृत्यु के पश्चात उनकी सम्पत्ति की मालिक उनकी पत्नी राजूबाई होंगी। उनकी पत्नी यदि चाहे तो अपने जीवनकाल में उक्त का सम्पत्ति अपनी इच्छा अनुसार बंटवारा कर दे। प्रार्थी के पिता द्वारा अपने जीवनकाल में सम्पत्ति का विभाजन नहीं किया गया था, परन्तु पटवारी द्वारा अपनी मर्जी से उनके पिता के सभी वारिसों का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दिया गया है। इस पर तहसीलदार तराना को पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
ग्राम मौलाखेड़ी तहसील उज्जैन निवासी नागू पिता रामाजी और उनके कुछ सार्थियों ने आवेदन दिया कि अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन के आदेश अनुसार वर्ष 2016 में सिंहस्थ के दौरान उन लोगों को मेला झोन क्रमांक-5 में कोटवार के रूप में सेवाएं देने के लिये नियुक्त किया गया था। उक्त आदेश के पालन में उनके द्वारा निर्धारित समयावधि में सेवाएं प्रदान की गई हैं, परन्तु इसका मानदेय वेतन आज दिनांक तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि अन्य तहसीलों में पदस्थ कोटवारों को उनका मानदेय मिल चुका है। उन्होंने कई बार इस हेतु प्रयास किये, परन्तु सम्बन्धित कार्यालय के अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा वेतन के सम्बन्ध में न तो कोई जानकारी दी जा रही है और न कोई कार्यवाही की जा रही है। इस कारण उनके समक्ष आर्थिक कठिनाई उत्पन्न हो चुकी है। इस पर एसडीएम उज्जैन को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
इसी प्रकार अन्य मामलों में अधिकारियों द्वारा जनसुनवाई की गई।