top header advertisement
Home - उज्जैन << परहित के लिए कार्य करते इसलिए पुरोहित हैं, व्यवस्था पर कटाक्ष निंदनीय है

परहित के लिए कार्य करते इसलिए पुरोहित हैं, व्यवस्था पर कटाक्ष निंदनीय है


उज्जैन। अधिमास में संपूर्ण देश से उज्जैन नगर में तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं एवं तीर्थ पुरोहित (पंडे) पूजन से लेकर आगवागमन तक में सहभागी बन रहे हैं। जिससे पूरे नगर में 25 किलोमीटर से लेकर 110 किलोमीटर की यात्रा में परेशानी न हो और वे भटकें नहीं। 

श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पं. राजेश त्रिवेदी व उपाध्यक्ष सोहन भट्ट ने बताया कि एक समाचार पत्र में अच्छाई को बुराई के रूप में दिखाने का जो प्रयास किया है। अधिकमास की पूजन व व्यवस्था को लेकर तीर्थ पुरोहितों की अच्छाई को बुराई के रूप में दिखाने का जो प्रयास किया है जिसकी श्री क्षेत्र पंडा समिति निंदा करती है एवं तीर्थ मर्यादा पर समाचार प्रसारित करने की सलाह देती है। तीर्थ पुरोहितद्वय ने बताया कि उज्जैन नगर की संपूर्ण व्यवस्था धार्मिकता पर आधारित है और ऐसे में नकारात्मक समाचार तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को श्रध्दा को नुकसान पहुंचाएंगे। अधिकमास का जो महत्व है जैसा कि ज्योतिषों में है वह सब इस नगर में है और वह भी धार्मिकता लिये हुए है। विश्व में सात समुद्र यहां सप्त सागर जो कि ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में यहां पर पूजन में हैं। भगवान विष्णु के अब तक के अवतार नौ नारायण के रूप में है वहीं जीवों के 84 लाख प्रकार की यौनियां यहां 84 महादेव के रूप में विद्यमान है जिनके दर्शन व पूजन का महत्व है जो कि अधिकमास में कई गुना बढ़ जाता है। 

Leave a reply