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मुख्यंमत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना का विद्यार्थी लाभ ले


उज्जैन। मध्यप्रदेश सरकार की निःशक्त शिक्षा योजना से अब विद्यार्थी अध्ययन मे होने वाली बाधाओ को दूर कर आत्म निर्भर हो सकेंगे। यह योजना कक्षा 10 वी एवं 12 वी के विद्यार्थियो के लिए है। यह योजना सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना 20 जून 2013 से प्रारंभ की गई है। इस योजना का उद्देश्य निःशक्त विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करनाए ऐसे निःशक्त विद्यार्थी जो दोनो पैरों से चलने में सक्षम नही हैं ;अस्थिबाधितद्धए उनकी शैक्षणिक संस्थाओं तक सुगम पहुंच बनानाए दृष्टिबाधितध्श्रवणबाधित विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु सहायक उपकरण उपलब्ध कराना एवं निःशक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराकर उनको आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना में कक्षा 10वीं में प्रथम बार एवं द्वितीय बार स्नातकध्पोलिटेक्निक में प्रवेश लेने पर दृष्टिबाधितए श्रवणबाधित एवं अस्थिबाधित ;दोनो हाथ नही होने परद्ध को लैपटॉप देने और अस्थिबाधित ;दोनो पैरों से चलने अक्षमद्ध को ट्रायसिकल दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना का लाभ पाने के लिए अनिवार्य पात्रता के रूप में आवेदक का नाम समग्र पोर्टल पर अंकित होना चाहिये। वह म.प्र का मूल निवासी होना चाहिये। 
                    अस्थिबाधित श्रेणी के विद्यार्थी ने गत परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हो एवं अन्य श्रेणी के निःशक्तजनों ने 50 प्रतिशत अंक प्राप्त कर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयए महाविद्यालय अथवा पोलीटेक्निक कॉलेज में नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लिया हो। योजना का लाभ देने के लिए जिला कलेक्टर अधिकृत है। योजना का लाभ आवेदक को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयए महाविद्यालय अथवा पोलीटेक्निक कॉलेज में नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लेने पर ही मिलेगा।

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