उच्चतम न्यायालय में सुनवाई न होने से बिनोद मिल्स श्रमिक निराश
उज्जैन। उच्चतम न्यायालय में मिल श्रमिकों के भुगतान के संबंध में 18 मई को पेशी होना थी लेकिन उच्चतम न्यायालय में प्रकरण बोर्ड पर प्रस्तुत नहीं हुआ। जिससे हजारों रूपया खर्च करने एवं दिल्ली जाना कोई काम नहीं आया तथा बिनोद मिल्स श्रमिक निराश हुए।
उक्त बात बिनोद मिल्स संघर्ष समिति की रविवार को श्रम शिविर कोयला फाटक पर हुई बैठक में वक्ताओं ने कही। बैठक हरिशंकर शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। वक्ताओं में ओमप्रकाश भदौरिया, संतोष सुनहरे, प्रहलाद यादव, मेवाराम, रामनारायण कुवाल, प्रद्योत चंदेल, शंकरलाल वाड़िया आदि उपस्थित थे। वक्ताओं ने न्याय प्रणाली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेताओं एवं प्रभावशाली लोगों की सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के दरवाजे रात को 12 बजे खुल जाते हैं किंतु 2000 श्रमिक मर गए और जो बाकी बचे हैं उनकी ओर ध्यान देने एवं सुनवाई के लिए न्यायालय के पास समय नहीं है। वक्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से फिर गुजार लगाई है कि वे अपनी घोषणा का पालन करने हेतु मजबूर मजदूरों को उनका बकाया भुगतान शीघ्र करें। भदौरिया ने बताया कि जो भी श्रमिक मर गये हैं उनके वारिस एवं परिवारवाले मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी मजदूर संघ कार्यालय श्रम शिविर कोयला फाटक पर जमा करायें