18 स्कूलों के 1400 बच्चों ने शहरवासियों को कराया मां क्षिप्रा की संवेदनाओं का अनुभव
उज्जैन @ जल जंगल जागृत होते हैं, उनमें संवेदनाएं होती हैं, अतः हमें अपनी जीवनदायिनी मां क्षिप्रा की संवेदनाओं और पीड़ा को अनुभव करना होगा। उसके अस्तित्व की रक्षा करनी होगी। पिछले तीन सिंहस्थ में उधार का जल लाकर पवित्र स्नान संपन्न कराये गये। साथ ही अब तो हर पर्व पर स्नान उधार के जल से करवाना पड़ रहा है। इससे मां क्षिप्रा दुखी है। वन विभाग और रूपांतरण संस्था के एनआईओ प्रोजेक्ट से जुड़े 18 स्कूलों के 1400 बच्चों ने वन विभाग के अनुभूति कार्यक्रम के समापन अवसर पर पर्यावरण जागरूकता रैली निकाल कर उक्त अनुभूतियों को शहरवासियों के साथ सांझाकिया। वन मंडल अधिकारी पी.एन. मिश्रा एवं रूपांतरण पाहवा के मार्गदर्शन में माधव कॉलेज से प्रारंभ हुई इस जनजाग्रति रैली को विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नातू, संभागायुक्त एम.बी. ओझा एवं मुख्य वन संरक्षक बी.एस. अन्नागिरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त 1400 बच्चे एनआईओ प्रोजेक्ट के माध्यम से अपने स्कूल में पौधों को बड़ा कर साल भर बाद वन विभाग के क्षिप्रा संरक्षण हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रम में क्षिप्रा तट पर रोपेंगे। गत वर्षा क्षिप्रा संरक्षण योजना के अंतर्गत वन विभाग ने 35 हजार पौधे क्षिप्रा तट पर रोपे थे। वन विभाग, रूपांतरण एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के अथक प्रयास से वह पौधे जीवित हैं और विकसित हो रहे हैं। इस वर्ष पुनः क्षिप्रा संरक्षण योजना के अंतर्गत वन विभाग ने 20 हजार पौधे क्षिप्रा तट पर रौपे हैं। बच्चों ने नगरवासियों से अपील की कि इन पौधों के संरक्षण हेतु समाज जागरूकता के साथ आगे आये, पौधों को गोद ले और इस योजना में अपनी सहभागिता करें। रैली की संपूर्ण व्यवस्था वन मंडल अधिकारी पी.एन. मिश्रा एवं रूपांतरण पाहवा के मार्गदर्शन में उनके सहयोगी उपवन मंडल अधिकारी सुधांशु यादव, शमशेरसिंह तोमर, जी.पी. मिश्रा, आनंदीलाल जोशी, सखा पाहवा, कैलाश सोनी, बरखा कुरिल, इंदु राई, मेनका कुरिल, मयंक शुक्ला, देवेन्द्र शर्मा द्वारा की गई। निगम सभापति सोनू गेहलोत, हरिसिंह यादव, डॉ. विमल गर्ग, अजीत मंगलम, पुष्पेन्द्र शर्मा, दीपक सांखला, श्याम माहेश्वरी, वासु केसवानी, प्रकाश चित्तौड़ा, अनुराग छजलानी, विवेक पगारे, सिध्दार्थ द्विवेदी, स्कूलों के शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया। विभिन्न मार्गों से होती हुई रैली महाकाल वन क्षेत्र स्वामी विश्वात्मानंदजी के आश्रम पर पहुंची जहां सहभोग उपरांत आयोजन संपन्न हुआ।