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मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर हुआ दीनदयाल के नाम पर, राज्यसभा में हुआ हंगामा


मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इसका विरोध किया. दरअसल यूपी की योगी सरकार के फैसले को गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी थी. सरकारी नियमों के मुताबिक किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को गृहमंत्रालय से एनओसी लेना जरूरी होता है. सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार यूपी का भूगोल बदलना चाहती है. यह देश का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है.

दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष
दरअसल,बीजेपी इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है. योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में मुगलसराय के मुख्य मार्ग का नाम दीनदयाल के नाम पर करने, प्रमुख चौराहे पर उनकी प्रतिमा लगाने और उसका नाम दीनदयाल चौक करने का भी निर्णय लिया था. इस बैठक में कहा गया था कि दीनदयाल उपाध्याय का निष्प्राण शरीर मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर मिला था.

गुरुवार को विदेशनीति पर हुआ था हंगामा 
इससे पहले संसद में गुरुवार की कार्यवाही भी जोरदार रही. विपक्ष ने सरकार की विदेश नीति को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद सुषमा स्वराज ने कई मुद्दों पर संसद में बयान दिया. उन्होंने डोकलाम के मुद्दे पर भी संसद में बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमने अपने सभी पड़ोसियों का साथ दिया और जो चीन हमें श्रीलंका में घेर रहा था, उसके खतरे को हमने कम किया. इस दौरान चीन-भारत में डोकलाम पर तनातनी को लेकर सुषमा स्वराज ने कहा कि हम हर संभव संबंधों को बेहतर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान युद्ध से नहीं निकल सकता, बल्कि राजनयिक कोशिशों से निकलता है. सुषमा स्वराज ने कहा कि आज सामरिक क्षमता बढ़ाने से ज्यादा अहम है आर्थिक क्षमता को बढ़ाना.

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