राजीव गांधी के हत्यारे ने लगाई सरकार से मृत्यु दे शव परिवार को सौंपने की गुहार
पायस ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को लिखे भावुक पत्र में कहा कि उसे दया के आधार पर मृत्यु दी जानी चाहिए और उसके शव को उसके परिवार को सौंप दिया जाना चाहिए। पायस ने बताया कि उसने दया याचिका पुझल जेल अधिकारियों के माध्यम से सरकार के समक्ष भेजी है। केंद्र और पूर्व की यूपीए सरकार पर आरोप लगाते हुए पायस ने लिखा कि पूर्व दिवंगत सीएम जयललिता ने तमिलों की मांग पर दोषियों की रिहाई का फैसला किया था। मगर केंद्र ने निर्णय लिया कि हमारी जिंदगी जेल में ही खत्म होगी।
जेल में हो गए 26 साल
आज केंद्र और राज्य सरकार दोनों खामोश हैं। अब उन्हें बताना होगा कि हमारी जिंदगी क्या सिर्फ जेल में खत्म होगी। हालांकि मुझे पता है कि दोनों सरकारें इसपर क्या सोचती हैं। ये भी अच्छे से जानता हूं कि मेरे जीने का अब कोई मतलब नहीं है, क्योंकि मेरी रिहाई नहीं हो सकती। मुझे जेल में 26 साल हो गए हैं अब मैं मौत चाहता हूं। पिछले कई सालों में मुझसे कोई मिलने भी नहीं आया। वहीं पायस ने दावा करते हुए कहा कि साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस वाधवा ने मुझे दोषी करार नहीं दिया था लेकिन फिर भी मैं सजा काट रहा हूं।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी सभा में आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी। जिसकी साजिश लिट्टे ने रची थी। इस मामले में नलिनी और उसके पति मुरुगन समेत 3 दोषियों को 28 जनवरी, 1998 में मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि तमिलनाडु के गवर्नर ने 24 अप्रैल को नलिनी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था।