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सीबीएसई बोर्ड : अगले साल से मार्च की जगह फरवरी में होंगे 10वीं, 12वीं की परीक्षाये


अगले साल से सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मार्च के बजाए फरवरी में शुरू होंगी। दरअसल, सीबीएसई मूल्यांकन में आ रही त्रुटियों को दूर करना चाहता है और इसी क्रम में परीक्षा चक्र पहले (एडवांस) किया जा रहा है।

यह भी तय हुआ है कि परीक्षा 45 दिन से ज्यादा नहीं चलेगी, बल्कि इसे एक महीने में ही पूरा करने की कोशिश की जाएगी। मौजूदा टाइमटेबल में बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होती हैं और 20 अप्रैल से अासपास खत्म होती हैं। रिजल्ट मई के तीसरे या चौथे हफ्ते में घोषित किया जाता है।

सीबीएई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी के मुताबिक, आगामी सत्र से परीक्षाएं 15 फरवरी के आसपास शुरू की जाएंगी और महीनेभर में इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इससे परीक्षा परिणाम जल्दी घोषित करने में मदद मिलेगी।

जल्दी रिजल्ट से होंगे ये फायदे
सीबीएसई का मानना है कि रिजल्ट जल्दी घोषित होने से छात्रों को आगे के एडमिशन में मदद मिलेगी। अभी रिजल्ट जारी होने और अंडरग्रेज्युएट के लिए एडमिशन का समय करीब-करीब एक ही रहता है, इसलिए आपाधापी मची रहती है।

चतुर्वेदी के अनुसार, अप्रैल तक छुट्टियां शुरू हो जाती हैं और अनुभवी शिक्षक उपलब्ध नहीं होते हैं। इस कारण, मार्च के बीच में मूल्यांकन शुरू करना फायदेमंद होगा। हम बेस्ट टीचर्स की सेवाएं ले पाएंगे। फिलहाल कॉपियां जांचने का काम अप्रैल में होता है और स्कूल अस्थायी, एड-हॉक और नव-नियुक्त शिक्षक ही कॉपी जांचने के लिए दे पाते हैं।

हाल ही में कोर्ट ने उठाया था सवाल
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीएसई के मूल्यांकन को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। दरअसल, उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन पर रोक संबंधी सीबीएसई के नोटिफिकेशन के खिलाफ देश भर में लगाई जा रही याचिकाओं को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने इसकी समीक्षा का निर्णय लिया है।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति एके चावला की खंडपीठ ने कहा कि वह नोटिफिकेशन जारी करते वक्त सीबीएसई के अधिकारियों की मीटिंग के मिनट्स पर विचार करेंगे। हाई कोर्ट इससे पहले मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कह चुका है कि अगर सीबीएसई छात्रों के अंक जोड़ के दौरान गलती कर सकता है तो छात्रों की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के दौरान भी गलती की संभावना है।

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