अफगानिस्तान-भारत के बीच शुरू हुई हवाई कोरिडोर सेवा, पाकिस्तान ने लगाई थी जमीनी रास्ते पर रोक
भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई कॉरिडोर स्थापित हो गया और काबुल से चला एक मालवाहक विमान सोमवार को नई दिल्ली में आकर उतरा. हवाई कॉरिडोर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ चारों ओर से जमीन से घिरे अफगानिस्तान को भारत के बाजारों तक पहुंच देगा. इससे अफगानिस्तान के किसानों को खराब होने वाली वस्तुओं की भारतीय बाजारों तक जल्द और सीधी पहुंच से लाभ होगा. एक समपर्ति हवाई कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद यह मालवाहक विमान काबुल से दिल्ली पहुंचा है. इस संबंध में सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच बैठक में निर्णय किया गया था.
मोदी ने ट्वीट करके कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधा हवाई संपर्क समृद्धि लेकर आएगा. उन्होंने कहा, 'मैं राष्ट्रपति अशरफ गनी को उनकी इस पहल के लिए धन्यवाद देता हूं.' विमान के 60 टन माल में से ज्यादातर हींग थी. विमान की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर आदि ने अगवानी की.
मालूम हो कि चारों तरफ से विदेशी जमीनों से घिरे अफगानिस्तान का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट पड़ोसी देशों पर निर्भर है. लेकिन, मौजूदा वक्त में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आतंकियों को पनाह देने के आरोपों को लेकर तल्खी चल रही है.
राष्ट्रपति बनने के बाद अशरफ गनी भारत के दौरे पर 2015 में आए थे. ये उनका पहला भारत दौरा भी था. इस दौरान दोनों देशों के बीच एअर कॉरिडोर बनाने पर फैसला लिया गया था. बता दें कि भारत में अभी तक सड़क के रास्ते अफगानिस्तान से प्रोडक्ट्स आते हैं.