जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण किसान आंदोलन उग्र हो गया
प्रशासन के आग्रह पर किसानों के बीच पहुंचे अवधेशपुरी महाराज से किसानों
ने कहा-महाराजश्री आज भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे किसानों
की बात
उज्जैन। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण किसान उग्र हो गए थे।
किसानों के आंदोलन को जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से नहीं लिया और न ही
उनकी मांगों को लेकर कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब मिला। यही कारण रहा कि किसान
सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन उग्र होता गया।
उक्त बात शनिवार को उस समय आई जब प्रशासन के आग्रह पर परमहंस डाॅ.
अवधेशपुरी महाराज किसानों के मन की बात जानने उनके बीच पहुंचे। किसानों
ने महाराजश्री से खुलकर अपने मन की बात कही। किसानों ने कहा कि सरकार
किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं देती। यदि सरकार सच्चे अर्थों में
किसानों का भला चाहती है तो हमें हमारी प्रमुख उपज गेहूं, सोयाबीन व चने
आदि के अच्छे मूल्य दे। किसानों से सस्ती दर पर खरीदकर व्यापारी वर्ग
अधिक मुनाफा कमाता है जिस पर शासन को एक सीमा तक मुनाफा कमाने के लिए
कानून बनाना चाहिये। अवधेशपुरी महाराज ने किसानों से पूछा कि किसान इतने
उग्र क्यों हो गए। इस पर किसानों ने कहा कि किसानों की नाराजगी
जनप्रतिनिधियों के प्रति थी। कई दिनों तक आंदोलन चलने के बाद भी कोई
जनप्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं पहुंचे और जब वे स्वयं अपनी बात रखने के लिए
आए तो जनप्रतिनिधियों ने संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया। इसलिए आंदोलन
उग्र हो गया। दैनिक व्यवहार में स्थिरता लाने एवं समाज में शांति स्थापित
करने हेतु महाराजश्री स्वयं मुख्यमंत्री से मिलकर किसानों के मन की बात
कहेंगे एवं यथाशीघ्र आंदोलन की समाप्ति का प्रयास करेंगे।