सोयाबीन किसानों के लिए सामयिक सलाह
उज्जैन । भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने सोयाबीन किसानों के लिए उपयोगी सामयिक सलाह दी है। जारी सलाह में किसानों से कहा गया है कि जिन किसानों ने पिछले दो- तीन वर्षों से खेत की गहरी जुताई नहीं की है, वे गहरी जुताई अवश्य करें। इसके बाद बखर कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। किसान दस टन प्रति हेक्टर की दर से पूर्णत: सडी हुई गोबर की खाद अथवा ढाई टन प्रति हेक्टर की दर से मुर्गी की खाद का उपयोग अंतिम बखरनी के पहले खेत में करें। अपने क्षेत्र के लिए सोयाबीन की अनुशंसित किस्म का चयन कर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इन बीजों के अंकुरण का परीक्षण करें। अंकुरण न्यूनतम 70 प्रतिशत होना चाहिये। किसान भाई खाद, खरपतवार नाशक, कीटनाशक, बीज उपचार रसायन, कल्चर आदि की उपलब्धता पहले से सुनिश्चित कर लें। सोयाबीन बीज का भंडारण स्वच्छ, हवादार एवं नमी रहित स्थान पर करें। किसान मानसून के आगमन के पहले रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं करें।