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700 किलोमीटर पैदल विहार कर उज्जैन पहुंचे आचार्य मणिप्रभ सूरिश्वरजी


मंगलवार को आचार्यश्री की हुई भव्य अगवानी- शांतिनाथ उपाश्रय में हुई धर्मसभा

उज्जैन। मंगलवार प्रातः 7.30 बजे आचार्य मणिप्रभ सूरिश्वरजी म.सा. का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। रायपुर छत्तीसगढ़ से करीब 700 किलोमीटर का उग्र पैदल विहार करके उज्जैन पहुंचे हैं। पूज्यश्री को आगे फिर 700 किलोमीटर बिकानेर राजस्थान चातुर्मास हेतु पैदल विहार करना है। प्रातः 8.30 बजे आचार्य मणिप्रभ सूरिश्वरजी ने सर्वप्रथम दानीगेट स्थित श्री अवंतिपाश्र्वनाथ जैन मंदिर के दर्शन किये। तत्पश्चात बैंडबाजों के साथ सैकड़ों समाजजनों के साथ जुलूस के रूप में श्री शांतिनाथ जैन उपाश्रय छोटा सराफा के लिये रवाना हुए। 

जुलूस की अगवानी योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन ने की। जुलूस में उज्जैन के अलावा इंदौर, महिदपुर, रायपुर, मंदसौर, नीमच आदि कई शहरों के सैकड़ों भक्त शामिल हुए। शांतिनाथ उपाश्रय पहुंचकर जुलूस धर्मसभा में परिवर्ति हो गया। धर्मसभा का संचालन मनोज कोचर ने किया। सभा में राजबहादुर मेहता, राहुल कटारिया, अभय मेहता, अभय जैन भैया, श्री अवंति पाश्र्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष हीराचंद छाजेड़, सचिव चंद्रशेखर डागर, उपाध्यक्ष निर्मल सकलेचा, पुखराज चैपड़ा, कोषाध्यक्ष ललित बाफना एवं रजत मेहता उपस्थित थे। सभा में स्वागत गीत श्री शांतिनाथ महिला मंडल ने एवं मंगलाचरण श्री शांतिनाथ सुलोचना मंडल ने प्रस्तुत किया। आचार्यश्री ने अपने प्रवचन में कहा कि हम सभी को जीवन में परमात्मा की नकल करना चाहिये। सिर्फ यही काम हमने अगर कर लिया तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा। प्रवचन के पश्चात श्री जिनेश्वर युवा परिषद की ओर से भोजन प्रसादी का आयोजन किया गया। जिसकी समस्त व्यवस्था तरूण डागा, हर्ष चैपड़ा, आशीष सुराणा, ज्ञानचंद्र धाकड़, मनोज कोचर, दिलीप चैपड़ा द्वारा की गई। आचार्य मणिप्रभ सूरिश्वरजी ने श्री अवंति पाश्र्वनाथ जैन मंदिर की आने वाली भव्य प्राण प्रतिष्ठा के लिये सभी समाज के लोगों को एकजुट होने का आदेश दिया। 

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