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पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्वशांति महामहोत्सव आज से



प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभनाथजी से लेकर श्री महावीरजी पर्यंत 24 मुर्तियां शांतिनाथ मंदिरजी में जुलूस के रूप में पहुंची

उज्जैन। मुनि श्री 108 समता सागर व निश्चयसागर जी के सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मीनगर में श्री 1000 मज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्वशांति महाया महामहोत्सव आज से प्रारंभ होगा। पंचकल्याणक महोत्सव हेतु मक्सी रोड़ स्थित पुराने आईटीआई परिसर में अयोध्या नगरी बसाई गई है। पंचकल्याण महोत्सव के अंतर्गत सोमवार को ऋषिनगर के जैन मंदिर से प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभनाथजी से लेकर श्री महावीरजी पर्यंत 24 मुर्तियां शांतिनाथ मंदिरजी में जुलूस के रूप में पहुंची। जिन्हें बाद में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में प्रतिष्ठित करने हेतु लायी जावेगी।

मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल एवं मंदिर अध्यक्ष अशोक जैन गुनावाले ने बताया कि आज मंगलवार को ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी पर प्रातः कालीन बेला में
श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर से श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकलेगी। श्रीजी को मंदिरजी से मंडप स्थल तक ले जाया जाएगा। मंडप में पहुंचकर घटयात्रा, ध्वजारोहण के साथ प्रथम गर्भकल्याणक से प्रतिष्ठा समारोह की शुरूवात सुबह सुर्योदय के साथ ही होगी। सुर्योदय से श्रीजी की पूजा, अर्चना, आराधना, संगीतमय गुंज से वातावरण शुध्द होगा। समारोह की बेदी पर अनेक जिनबिंब नजर आयेंगे। शाम को भी श्रीजी से संबंधित धामिॅकता का कलाकारों व्दारा गर्भकल्याणक से संबंधित मंचन होगा। ये पात्र हुए चयनित प्रतिष्ठाचार्य ब्रम्हचारी श्री सुनील भैया इंदौर के निर्देशन में त्याग और संयम के आधार पर भगवान के माता पिता बनने का सौभाग्य श्री राकेश-रत्ना जी जैन अशोकनगर वालो को प्राप्त हुवा तथा सौधर्म इंद्र श्री सुनील-वर्षा जी जैन (खुरई वाले)को कुबेर इंद्र श्री शिखरचंद-अर्चना जी जैन,महायज्ञ नायक श्री विमलचंद-शशिकांता जी बाकलीवाल, भरत चक्रवर्ती डॉ जे के जैन, बाहुबली श्री देवेंन्द्र जी ज्जैन घड़ी वाले, ईशान इंद्र श्री चितरंजन-प्रेरणा जी बड़जात्या, सानत इंद्र श्री विपिन-सुशीला जी जैन (इंदौर),माहेन्द्र इंद्र श्री डॉ तेजकुमार-सरोज जी जैन इंदौर व महामंडलेश्वर श्री अशोक-रविकान्ता जी जैन, मंडलेश्वर श्री मुकेश कुमार-शोभा मांडल गुना वाले,ध्वजारोहांकर्ता श्री नरेन्द्र-शकुंतला जी बिलाला, मंडप उद्धघाटनकर्ता श्री विजेंद्र कुमार-पुष्पा जी गंगवाल, राजा श्रेयांश प्रो सुधीर कुमार को प्राप्त हुवा।

गर्भ कल्याणक से प्रारंभ होगा मोक्ष कल्याणक तक का सफर श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर में मुनि समता सागर जी के सानिध्य में 30  मई से 4 जून तक पंचकल्याणक प्रारंभ हो रहा है जिसमें सर्वप्रथम पत्थर की प्रतिमा पर मंत्रोच्चार के साथ गर्भकल्याण तत्पश्चात जन्म कल्याण, दीक्षा कल्याण, ज्ञान कल्याण एवं अंत में मोक्ष कल्याण होगा। जिसमें पत्थर की प्रतिमा भगवान का रूप धारण कर लेगी जब भगवान का जन्म होता है तो यही पांचों कल्याण होते हैं। सारांश देते हुए पांच दिवसीय पांच कल्याणक का रुप दिया जाता है जिसमें भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित हो जाती है और जो जिनालय में रखी जाती है इनकी पूजा-अर्चना प्रतिदिन की जाती। 

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