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उज्जैन में हुए पेन्क्रियास गं्रथी के जटिल आॅपरेशन


उज्जैन। तराना के दो युवकों की पेन्क्रियास ग्रंथी के सड़ जाने और पथरी हो जाने से उनकी जान पर बन आई। शहर में चिकित्सकों ने इंदौर और बड़ौदा के लिए रैफर कर दिया लेकिन डाॅ. जेठवानी ने उज्जैन में ही दोनों का सफल आॅपरेशन कर दिया। पेन्क्रियास ग्रंथी में पथरी व सड़ाव होने का मुख्य कारण शराब का सेवन होता है है। अब तक यह आॅपरेशन बड़े शहरों व काॅरपोरेट अस्पतालों में होते थे पर यह उज्जैन में संभव हो पाया।
तराना तहसील के गुनाखेरी के मोहनसिंह राठौर उम्र 35 वर्ष 2 साल से पेट दर्द, उल्टी व लगातार वजन कम होने की शिकायत से पीड़ित था। जांच में पाया गया कि मोहनसिंह के पेट में पेन्क्रियास ग्रंथी सड़ गई है तथा उसमें पथरी भी हो गई है। उज्जैन के चिकित्सकों ने उसे इंदौर, बड़ौदा के बड़े अस्पतालों में इलाज कराने की सलाह दी। परिजनों ने मोहनसिंह को डाॅ. उमेश जेठवानी को गुरूनानक अस्पताल में दिखाया। डाॅ. जेठवानी ने मरीज का आॅपरेशन लांगी ट्यूडिनल पेन्क्रियोटिकोजेजुनोस्टोमी पध्दति से किया। इस पध्दति में पेन्क्रियास ग्रंथी की पथरी को निकाला जाता है तथा पेन्क्रियास को आंतों से जोड़ दिया जाता है। मोहनसिंह अब स्वस्थ है तथा सामान्य व्यक्तियों की तरह जीवन जी रहा है। गुनाखेरी के ही निवासी नागूसिंह राठौर उम्र 35 वर्ष भी 3 माह से पेट दर्द व उल्टी की शिकायत से पीड़ित था। जांच कराने पर पता चला कि मरीज की पेन्क्रियास ग्रंथी सड़ गई है तथा इसमें गठान भी पड़ गई है। उसके परिजनों ने उसे गुरूनानक अस्पताल में डाॅ. उमेश जेठवानी को दिखाया। डाॅ. जेठवानी ने मरीज का आॅपरेशन सिस्टो गेस्ट्रोस्टोमी पध्दति से किया। मरीज अब स्वस्थ है।

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