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प्रदेश के 24 हजार से अधिक सरकारी शालाओं में "शाला सिद्धि कार्यक्रम


कार्यक्रम का क्रियान्वयन चार चरण में मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों के माध्यम से विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिये लागू 'शाला सिद्धि कार्यक्रम में 24 हजार 792 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। कार्यक्रम में प्रत्येक जिले के जन-शिक्षा केन्द्र पर 4-4 प्रायमरी और मिडिल स्कूल चयनित किये गये। शाला सिद्धि कार्यक्रम से इन स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा में गुणात्मक सुधार आया है। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में शालाओं की गुणवत्ता सुधार के लिये प्रतिभा-पर्व जैसे कार्यक्रम चलाये गये। इसी तर्ज पर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (एनयूईपीए) द्वारा शालाओं के मूल्यांकन एवं सुधार के लिये एक फ्रेकवर्क 'शाला सिद्धि'' तैयार किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से चयनित शाला ने स्वयं का सतत मूल्यांकन एवं बाह्य मूल्यांकन कर कार्य-योजना बनाकर समग्र विकास किया। पिछले शैक्षणिक सत्र वर्ष 2016-17 में सरकारी स्कूलों द्वारा अपना स्व-मूल्यांकन निर्धारित प्रपत्र में एक निश्चित प्रक्रिया के अनुसार किया गया, जो 4 चरण में पूरा हुआ। इससे स्कूलों को अपनी वर्तमान स्थिति एवं उन आयामों और मानकों, जिनमें सुधार किया जाना है, की जानकारी स्पष्ट हुई है। शाला सिद्धि कार्यक्रम में एक निश्चित प्रक्रिया के अनुसार शालाओं का बाह्य मूल्यांकन किया गया। प्रक्रिया में विकासखण्ड, जिले और राज्य-स्तर के मनोनीत अधिकारी और बाह्य अकादमिक विशेषज्ञ द्वारा भी शाला के मूल्यांकन के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया। चयनित शालाओं में कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिये पुरस्कार दिये जाने के प्रावधान किये गये। मुकेश मोदी

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