टास्क फोर्स कमेटी की बैठक 29 मई को होगी
उज्जैन । राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन इन्द्रधनुष एवं दस्तक अभियान की पूर्ण तैयारियों के सम्बन्ध में कलेक्टर की अध्यक्षता में सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में 29 मई को पूर्वाह्न 11.30 बजे टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की जायेगी। बैठक में समस्त विभागों के कार्यालय प्रमुख एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। दोनों राष्ट्रीय कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु चर्चा की जायेगी। जिले में मिशन इन्द्रधनुष 7 जून से 14 जून तक आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में 0 से 02 वर्ष तक के समस्त बच्चे जो नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये हैं, उन्हें टीके लगाये जायेंगे। टीकाकरण से वंचित रह गई समस्त गर्भवती माताओं को भी टीके अभियान के अन्तर्गत लगाये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री व्हीके गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मिशन इन्द्रधनुष का लक्ष्य शत-प्रतिशत गर्भवती माताओं एवं 02 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण करना है। अभियान के सुपरविजन व मॉनीटरिंग के लिये कलेक्टर द्वारा विकास खण्ड स्तर पर विभिन्न अधिकारियों को भी ग्रामवार जिम्मेदारी सौंपी जायेगी। इसी प्रकार दस्तक अभियान का आयोजन 15 जून से 15 जुलाई तक किया जायेगा। अभियान का उद्देश्य 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रमुख रूप से होने वाली बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर पहचान कर तुरन्त उसका स्वास्थ्य प्रबंधन करना है, जिससे बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। दस्तक अभियान के दौरान जिले में 05 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान की जायेगी और उनको अस्पताल रैफर कर उनकी सम्पूर्ण उपचार की व्यवस्था करवाई जायेगी। छह माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों में गंभीर एनीमिया का पता लगाया जायेगा और एनीमिया से पीड़ित बच्चों का उपचार कराया जायेगा। नौ माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ‘ए’ का घोल प्रदाय किया जायेगा। पांच वर्ष से कम उम्र के समस्त बच्चों में निमोनिया की पहचान और उसका उपचार करना, 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के दस्त रोग के नियंत्रण हेतु ओआरएस का उपयोग करने के सम्बन्ध में परिजनों को जागरूक किया जायेगा और पैकेट का वितरण होगा। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिये उनके परिजनों का उचित मार्गदर्शन किया जायेगा। साथ ही पोषण पुनर्वास केन्द्र एवं एसएनसीयू से डिस्चार्ज हो चुके बच्चों का फॉलोअप करना, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान कर उनका उपचार करना रहेगा। दस्तक अभियान के जिला नोडल अधिकारी जिला टीकाकरण अधिकारी रहेंगे।