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सेप्टिक शाॅक की स्थिति में पहुंची महिला को मिली नई जिंदगी


उज्जैन। सेप्टिक शाॅक की स्थिति में पहुंची महिला का सफल उपचार शहर में हुआ। इसमें मरीज के बचने की संभावना 1 से 2 प्रतिशत होती है। अभी तक इस
प्रकार के मरीजों का आॅपरेशन दिल्ली-मुंबई के बड़े संस्थानों व कारपोरेट अस्पतालों में ही हो पाता था। इलाज में 4-5 लाख का खर्च आता था। लेकिन इस
तरह के आॅपरेशन उज्जैन में संभव हो पाया। नगमा बी उम्र 28 वर्ष निवासी ताजपुर का कुछ माह पूर्व आष्टा में में सिजेरियन आॅपरेशन से डिलेवरी हुई थी। आॅपरेशन के बाद मरीज की स्थिति गंभीर हो गई तथा देवास मेडिकल काॅलेज में रैफर किया गया। देवास में मरीज के पेट का आॅपरेशन किया गया तथा कृत्रिम मल द्वार बनाया गया। देवास में मरीज 2 माह तक भर्ती था। आॅपरेशन के बाद भी जब मरीज की स्थिति में सुधार न हुआ तथा तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे दिल्ली के लिए रैफर किया गया। मरीज के परिजनों ने उसे तब डाॅ. उमेश जेठवानी को गुरूनानक अस्पताल में दिखाया। मरीज का ब्लड प्रेशन 60/40 एमएमएचक्यू था तथा शरीर में जहर फैल गया था तथा किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए मरीज का इमरजेंसी में आॅपरेशन किया गया। पेट से 2 लीटर जहर निकाला गया व उलझी हुई आंतों को ठीक किया गया। अब नगमा की स्थिति बेहतर व सामान्य है।

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