सुभाषनगर तालाब पर निजी नहीं शासकीय भूमि पर चल रहा है विकास कार्य
उज्जैन। बगैर स्वीकृति पौधे लगाने, विवादित भूमि पर लाखों खर्च कर बड़ा झुला लगाने जैसी शिकायतों के बाद सोमवार को महापौर मीना जोनवाल ने अपने अमले के साथ सुभाषनगर तालाब पर पहुंचकर यहां न सिर्फ इस विकास कार्य को रूकवाने का प्रयास किया था बल्कि यहां लगाये जा रहे पौधेों को भी जब्त करने का प्रयास किया था।
कांग्रेस के पार्षद के वार्ड में हो रहे इस विकास कार्य पर महापौर की इस भेदभावपूर्ण कार्यवाही से नाराज विपक्ष पार्षद दल निगम कमिश्नर से मिलकर उन्हें इस बात से अवगत कराया कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा है वह निगम की ही जमीन है।
इस मामले की जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ ने बताया कि पार्षद दल ने निगम कमिश्नर आशीषसिंह से मुलाकात की और उन्हें बताया कि नजर अली मील कम्पाउण्ड की भूमि नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज नहीं हैं परंतु फिर भी यहां पर नगर निगम का निर्माण किया गया है। इसी तरह सामाजिक न्याय परिसर त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर जो कि नगर निगम परिसीमा से भी बाहर है वहां पर भी जनता की सुविधा हेतु नगर निगम द्वारा र्कइं कार्य करवाए गए हैं। इसी प्रकार सुभाषनगर की शासकीय भूमि पर भी निगम द्वारा मास्टर प्लॉन के अंतर्गत बगीचे हेतु आरक्षित भूमि पर मल्टीप्लेस्टेशन जो कि उज्जैन ही नहीं इंदौर जैसे महानगरों में भी आज तक नहीं लगा है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी गार्डन जीम भी पहली बार नगर निगम द्वारा यहां लगाई गई है। एक और माननीय मुख्यमंत्री लगभग 5 करोड़ की राशि से नर्मदा किनारे निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर रहे हैं वहीं उज्जैन की महापौर शासकीय भूमि पर जनकल्याण के लिये रौपे गये पौधों को उखाड़कर जब्त कर रही थी। लेकिन वार्ड पार्षद विजयसिंह दरबार व सुभाषनगर रहवासी सृजन समिति एवं जयसिंह दरबार मित्र मण्डली के विरोध करने पर इन पौधों का पुनरू वृक्षारोपण किया गया। प्रतिपक्ष के उपनेता विजयसिंह दरबार ने श्री सिंह को बताया कि मंदसौर नगर पालिका निगम के हित में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नगर सीमा क्षेत्र में खुली नजूल की शासकीय भूमि स्वतरू ही निगम की मानी है। इसी तरह नगर पालिका निगम उज्जैन की नगर सीमा में आने वाली नजूल की भूमि स्वतरू नगर पालिका निगम की हो गई है। वर्ष 1992 नजूल कलेक्टर उज्जैन द्वारा नजूल की समस्त भूमि नगर पालिका निगम को स्थानांतरित की गई है। जिसके बाद समय-समय पर विस्तारित नगर निगम के क्षेत्र के अंतर्गत नजूल की समस्त भूमि भी शासकीय हो गई है।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ उपनेता प्रतिपक्ष विजयसिंह दरबार के साथ ही पार्षद बीनू कुशवाह, जफर अहमद, रहीम शाह लाला, सुंदर मालवीय, जितेन्द्र तिलकर, श्रीमती प्रमिला मीणा के साथ ही अन्य पार्षद गण उपस्थित थे।
भूख हड़ताल करेगा पार्षद दल
निगम कमिश्नर से भेंट करने के बाद पार्षद दल ने निर्णय लिया कि वे महापौर की इस कार्रवाई के विरोध में एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल करेंगे। साथ ही अगर महापौर द्वारा नगर के वार्ड विकास कार्यों में अब दखल अंदाजी की गई तो हम महापौर के पद की गरिमा को भूलकर उग्र आंदोलन भी करेंगे।
आयुक्त करेंगे दो उद्यानों का निरीक्षण
निगम कमिश्नर से मुलाकात के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष विजयसिंह दरबार ने निगमायुक्त को बताया था कि उनके वार्ड में स्थित एक पुरानी व एक नवीन कॉलोनी में उद्यान नहीं है। जिस पर निगमायुक्त ने कहा कि मैं खुद इन क्षेत्रों का निरीक्षण करूंगा और अगर उद्यान नहीं मिलते हैं तो कॉलोनाईजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।