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बारिश के बाद शुरु होगी शिप्रा सेवा यात्रा


      उज्जैन । नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा की तर्ज पर शिप्रा नदी के दोनों ओर प्रारंभ की जाने वाली शिप्रा सेवा यात्रा विधिवत रुप से बारिश के बाद प्रारंभ की जाएगी। इसके पूर्व सभी संबंधित विभाग इसकी विस्तृत कार्ययोजना बना लें तथा शिप्रा नदी के दोनों तटों पर वृहद संख्या में वृक्षारोपण का कार्य तुरन्त प्रारंभ कर दिया जाए।

      संभागायुक्त श्री एम.बी.ओझा ने अपने कक्ष में सम्पन्न शिप्रा सेवा यात्रा संबंधी बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में नदी एवं जल संरक्षण के विशेषज्ञ श्री योगेन्द्र गिरी, सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्री संदीप जी.आर., उपायुक्त श्री पवन जैन, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, वन मण्डलाधिकारी श्री राजीव मिश्रा सहित जल संसाधन, लोक निर्माण, राजस्व, उद्यानिकी, कृषि आदि विभागों के संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

देवास जिले में वृहद वृक्षारोपण

      बैठक में बताया गया कि देवास जिले के खातेगांव, कन्नोद तथा बागली क्षेत्रों में वृक्षारोपण के लिए 3 हजार 600 हैक्टयर भूमि चिन्हित की गई है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में 800 हैक्टेयर भूमि पर 2 लाख 28 हजार पौधे लगाए जायेंगे। इसके अंतर्गत 26 गांव आयेंगे। संभागायुक्त ने शिप्रा नदी के किनारे भी योजनाबद्ध रुप से अधिक से अधिक वृक्षारोण के निर्देश दिए।

02 जुलाई को संभाग में वृहद वृक्षारोपण

 

संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि आगामी 02 जुलाई को प्रदेश में होने वाले वृहद वृक्षारापेपण के अंतर्गत उज्जैन संभाग में भी अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए। इस दिन संभाग में शिप्रा नदी के किनारे भी बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाएं। शिप्रा नदी के दोनों ओर आने वाली पंचायतों में वृक्षारोपण के लिए शीघ्र स्थान चयन की कार्यवाही की जाए।

जनप्रतिनिधियों की हो अधिक से अधिक भागीदारी

संभागायुक्त ने कहा कि शिप्रा सेवा यात्रा तब तक अपने उद्देश्यों में पूर्णरुप से सफल नहीं हो सकती, जब तक इसमें जनप्रतिनिधियों एवं सभी वर्ग के व्यक्तियों की भागीदारी ना हो। अत: अधिकारीगण अभियान में अपने अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों एवं नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। संभागायुक्त ने जनअभियान परिषद को सेवा यात्रा में सक्रिय भागीदारी करने के निर्देश दिए। शिप्रा सेवा यात्रा में नर्मदा सेवा यात्रा की ही तरह एन.एस.एस. की सक्रिय एवं सराहनीय भूमिका हो।

जल संसाधन विभाग की लाइन में जोड़ सकते हैं

जलसंसाधन विभाग के अधिकारी ने कहा कि शिप्रा नदी के किनारों पर जल संसाधन विभाग की लाइन डली हुई है, जिससे गंदा पानी बाहर निकाला जाता है। यदि स्थानीय निकाय चाहें तो गंदे पानी के निकास के लिए उनकी लाइन में अपनी लाइन जोड़ सकते हैं। संभागायुक्त ने शिप्रा नदी के आसपास विसर्जन कुण्ड बनाने के भी निर्देश दिए जहां श्रद्धालु पूजन सामग्री का विसर्जन कर सकें। उन्होंने प्रदूषण निवारण मण्डल को निर्देश दिए कि शिप्रा नदी में विभिन्न स्थानों पर प्रदूषण का स्तर जांचा जाए तथा जहां-जहां अधिक मात्रा में प्रदूषण पाया जाता है, उसकी रिपोर्ट पहले प्रस्तुत की जाए।

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