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भैरवगढ़ जेल में चल रही मुस्लिम कैदियों की भूख हड़ताल मामले में अभा हिंदू महासभा ने जेल प्रशासन को पत्र


रमजान में जेल में बाहरी सामान दो, लेकिन 365 हिंदू तिथियों पर भी यही नियम लागू हो

उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में मुस्लिम कैदियों द्वारा रमजान में घर से सामान मंगाने को लेकर की जा रही भूख हड़ताल मामले में अखिल भारतीय
हिंदू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता मनीषसिंह चैहान ने एक पत्र पुलिस महानिदेशक जेल भोपाल तथा केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ को को लिखा है। जिसमें कहा है कि रमजान में बाहरी सामान जेल में भेजने पर आपत्ति नहीं लेकिन जेल प्रशासन एक समान कार्रवाई करे और 365 दिन आने वाले हिंदू तिथियों और त्यौहारों पर बाहर से सामान लाने की अनुमति दे। मनीषसिंह चैहान ने पत्र में लिखा कि केन्द्रीय जेल में मुस्लिम कैदियों ने रमजान में बाहरी सामान लाने से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस आंदोलन से स्पष्ट है कि ये हठधर्मिता करते हुए जेल प्रशासन के नियम, कायदों व सुरक्षा तंत्र को धता बताते हुए मनमानी करना चाहते हैं और यदि एक बार इनके हठ के आगे प्रशासन झुक गया तो निश्चित ही आगे जेल तंत्र को विफल करने और बार-बार झुकाने में ये कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हिंदू मुस्लिम सभी मनुष्य मात्र है, कोई आपत्ति नहीं यदि ऐसा रमजान में होता है तो हिंदू धर्म में तो 365 दिन ही व्रत तीज त्यौहार होते हैं, ऐसे में हिंदुओं को वर्षभर के लिये बाहरी सामान लेने की छूट दी जाए ताकि निष्पक्ष रूप से सभी कैदियों के साथ व्यवहार हो सके और
मानवाधिकारों का हनन न हो। आशंका है कि मुस्लिम कैदियों द्वारा औचक रूप से एकमत होकर भूख हड़ताल करना धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला होकर किसी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है। क्योंकि पूर्व में भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी के कैदी फरार हो चुके हैं और इनके लिए समूचे प्रदेश में मुस्लिमों
ने दबाव बनाने को आंदोलन किये। चूंकि उज्जैन सिमी का गढ़ है और इसीलिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिमी के दबाव व इशारे में इन मुस्लिम कैदियों द्वारा
जेल प्रशासन का ध्यान हटाया जाकर व बाहरी सामान लाने की आड़ में अपने नापाक इरादों को अंजाम दिये जाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है और यह गंभीर
साजिश हो सकती है। मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए सभी हड़ताली कैदियों से मुलाकात करने वाले लोगों के नाम पते, व हरकतों पर अध्ययन कराया जाकर इसके पीछे का सच उजागर किया जाए।

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