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गांधीजी की जय बोलने वाले ने ही गांधी जी के विचारों की हत्या की- जयभान सिंह पवैया


Ujjain @ गांधीजी के शरीर को भले ही गोडसे ने मारा था लेकिन गांधीजी की जय बोलने वालों ने गांधीजी के विचारों की हत्या की। ऐसी ही स्थितियां डॉ.आंबेडकर के नाम पर भी देश में हुई। यह बात उच्चशिक्षा मंत्री जयभानसिंह पवैया ने उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा।

       उन्होंने तीन तलाक का मुद्दा उठाया और कहा कि मैंने भी हिंदी में शरीयत पढ़ी है, अगर तलाक धर्म है तो दुनिया में अधर्म क्या है? इसी तरह हिंदुओं में अगर अस्पृश्यता धर्म है तो अधर्म क्या है? अब दृष्टि बदलने की जरूरत है। 

       डॉ.भीमराव आंबेडकर ने समाज में समरसता लाने के लिए बंधुत्व भाव को प्रथम माना। लोगों ने उन्हें सीमित कर दिया। बाबा साहेब ने अपने अंतिम भाषण में भी यही संदेश दिया था कि समाज में स्वतंत्रता सामाजिक समरसता से ही आएगी। उन्होंने अपने इन्हीं विचारों से पूरे देश को एकसूत्र में पिरोया।

       दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला की ओर से संविधान की संरचना एवं सामाजिक उत्थान में डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान विषय पर दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। इस दौरान ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने भी अपने विचार रखे। समारोह में सांसद चिंतामणि मालवीय, विधायक मोहन यादव, डॉ.एसआर भट्‌ट सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. एसएस पांडेये ने की।

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