8 घंटे तक व्यर्थ बहता रहा शहर की प्यास बुझाने वाला पानी
शिकायत मिलने पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष वशिष्ठ ने पानी का बहना रूकवाया-फिल्टर प्लांट में मिले मरे हुए पक्षी
उज्जैन। एक ओर जल संकट न हो इसलिए लाखों रूपये खर्च कर चैनल कटिंग के माध्यम से गंभीर डेम में पानी को एक जगह एकत्रित करने का कार्य शुरू किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर गउघाट फिल्टर प्लांट पर पीएचई कर्मचारियों की अनदेखी के कारण शनिवार को 10 हाॅर्स पावर की मोटर वाला पानी निरंतर 8 घंटे तक व्यर्थ बहता रहा। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ को सूचना मिली तो उन्होंने गउघाट प्लांट पर पहुंचकर व्यर्थ बहते पानी की फोटो-वीडियो अधिकारियों को भेजी और शिकायत कर पानी बहना बंद करवाया। वहीं गउघाट फिल्टर प्लांट का दौरा किया तो वहां फिल्टर पानी में मरे हुए पक्षी तथा कीड़े मकौड़े तैरते मिले।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार उन्हें शनिवार दोपहर करीब 1 बजे सूचना मिली थी कि गउघाट फिल्टर प्लांट के सामने ही शनिवार सुबह 6 बजे से प्लांट का फिल्टर पानी लगातार बह रहा है और कोई अधिकारी कर्मचारी उस बहते पानी को रोकने हेतु कोई प्रयास नहीं कर रहा है। जब वशिष्ठ मौके पर पहुंचे तो शिकायत सही पाई। प्लांट पर उपस्थित कर्मचारियों तथा अधिकारियों से वशिष्ठ ने चर्चा कर बहते पानी को दोपहर करीब 2 बजे तक बंद करवाया। प्लांट पर पहुंचे वशिष्ठ ने फिल्टर प्लांट का भी निरीक्षण किया तो पाया कि वहां शहर की जनता को पिलाये जाने वाले फिल्टर पानी में कौए तथा कीड़े मकोड़े मरे हुए पड़े थे, पानी बदबू मार रहा था। इस संबंध में उन्होंने आयुक्त तथा अपर आयुक्त को शिकायत की लेकिन एक घंटे बाद भी कोई नहीं आया। तो वशिष्ठ ने वहां बहते पानी और पानी से निकले मरे हुए पक्षियों के फोटो और वीडियो अधिकारियों को व्हाट्सअप कर कार्रवाई हेतु अनुरोध किया।
पीएचई आयुक्त के नियंत्रण से बाहर
राजेन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि पिछले दिनों फिल्टर प्लांट का दौरा किया गया था। उस समय भी फिल्टर पानी में कीड़े तैरते हुए पाए गए थे। इस मामले में आयुक्त को शिकायत की गई थी कि शहर को पीएचई मटमैला, बदबूदार पानी पिला रही है जिससे बीमारी फैलेगी। बावजूद इसके अब तक निगमायुक्त ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब शनिवार को जब वापस आकर देखा तो फिल्टर पानी में मरे हुए पक्षी तैरते नजर आए। वशिष्ठ ने कहा कि आयुक्त पीएचई पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं यही कारण है कि बेलगाम पीएचई मनमानी पर उतारू है।