साम्प्रदायिक एकता का प्रतीक बनी यात्रा
ग्राम पंचायत फरहदा में मुस्लिम समाज ने थामा यात्रा ध्वज
नर्मदा सेवा यात्रा साम्प्रदायिक एकता का अद्धितीय उदाहरण बन गयी है। ग्रामीण अंचलों में यात्रा के भ्रमण के दौरान सभी जाति, धर्म, सम्प्रदाय, महिला, पुरूष, बच्चे बिना भेदभाव के यात्रा में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बन चुकी यात्रा अब अपने अंतिम चरण है।
अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत फरहदा में जब नर्मदा सेवा यात्रा पहुँची तो मुस्लिम भाईयों ने आगे बढ़कर ध्वज थामा। इतना ही नही नर्मदा सेवा यात्रा के संकल्पों क्रमश: वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, बेटी बचाओ अभियान, स्कूल चलें हम अभियान के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए, दोनों हाथ उठाकर संकल्प लेने वालों में मुस्लिम समुदाय के लोग सबसे आगे थे। ग्राम फरहदा में छोटी सी किराने की दुकान संचालित करने वाली 35 वर्षीय शाहिदा बेगम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का यह अभियान जल-संरक्षण के लिए आम जन को जोड़ने वाला अभियान है। उनके पति मोहम्मद दाहिम खान ने कहा कि इस यात्रा से स्वच्छता तथा वृक्षारोपण के संबंध में जो जानकारी मिली है, उसका अनुकरण मै स्वयं करूँगा तथा अन्य लोगों भी प्रेरित करूँगा।
श्री खान ने बताया कि मेरे पास जमीन नहीं है सिर्फ छोटी सी बाड़ी है जिसमें खम्हेर, महुआ तथा सरई आदि सहित विभिन्न प्रजातियों का पौध रोपण किया है और उनकी रक्षा करूँगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचलों में मुस्लिम समुदाय में बेटियों को शिक्षा दिलाने के संबंध में जो भ्रांतियाँ हैं उन पर मेरा विश्वास नहीं है। अपने सीमित साधनों के बावजूद मैं अपनी बेटी शिफा, जो कक्षा 9 की छात्रा है, को डॉक्टर बनाकर समाज-सेवा के क्षेत्र में लाने का प्रयास करूँगा। बेटी शिफा ने बताया कि मैं डॉक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूँ और प्रदेश के मुख्यमंत्री के सपने के अनुरूप शिक्षा जगत में अपनी पहचान बनाऊँगी।
रवि/बृजेन्द्र