श्रद्धा की यात्रा, विश्वास के पड़ाव, पंचक्रोशी यात्रा पहुंची अपने अन्तिम पड़ाव स्थल उंडासा पर, आज होगा यात्रा का समापन
उज्जैन । श्रद्धा विश्वास की पंचक्रोशी यात्रा, जो 21 अप्रैल शुक्रवार को नागचंद्रेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ हुई थी, आज सोमवार को अपने अन्तिम पड़ाव स्थल उंडासा पर पहुंच गई। सोमवार रात तक लगभग 50 हजार से अधिक यात्री इस पड़ाव स्थल पर पहुंच गये थे। बहुत से आगे निकल गये, तो बहुत से पीछे आ रहे थे। इस वर्ष लगभग 01 लाख यात्री पंचक्रोशी यात्रा में सम्मिलित हुए हैं।
पंचक्रोशी यात्रा के पहले दिन यात्रीगण नागचंद्रेश्वर महादेव से बल प्राप्त कर पिंगलेश्वर महादेव के दर्शन कर करोहन पड़ाव स्थल पर पहुंचे थे। यात्रा के दूसरे दिन यात्री नलवा उपपड़ाव स्थल पर पहुंचे। तीसरे दिन यात्रियों का पड़ाव था उंडासा पर। पंचक्रोशी यात्रा की समाप्ति मंगलवार 25 अप्रैल को होगी। इस दिन यात्रीगण दोबारा पिंगलेश्वर महादेव जाकर श्री नागचंद्रेश्वर महादेव पहुंचेंगे तथा यात्रा के लिये भगवान शंकर से प्राप्त बल उन्हें वापस करेंगे। इसके पश्चात शिप्रा में स्नान कर श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर अपनी यात्रा पूर्ण करेंगे।
पेयजल व्यवस्था की हुई सराहना
जिला प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं। इस बार पेयजल की व्यवस्था की विशेष सराहना हुई। पेयजल के लिये इस बार दुग्ध संघ के फिल्टर्ड एवं चिल्ड वॉटर टैंकर पड़ाव स्थलों पर रखवाये गए हैं, जो कि लगातार यात्रियों को स्वच्छ एवं शीतल पेयजल उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ ही पर्याप्त संख्या में नगर निगम के टैंकर रखे गए हैं, जिनसे बड़ी संख्या में नलों को जोड़कर पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। पड़ाव स्थलों पर स्नान के लिये फव्वारे भी लगाए गए हैं। हाटपिपल्या जिला देवास के कालूराम उम्र 75 वर्ष बताते हैं कि वे अपने 08 साथियों के साथ 05 दिन पहले यात्रा पर निकले हैं। वैसे तो सभी व्यवस्थाएं बढ़िया हैं, परन्तु इस बार ठण्डा पानी मिलने से मजा आ गया। वे गत 03 वर्षों से पंचक्रोशी यात्रा में आ रहे हैं।
“म्हारे कई बात की कमी नीं”
बोड़ीशामली जिला शाजापुर के 70 वर्षीय श्री बाबूलाल बताते हैं कि वे अपने 12 साथियों के साथ पंचक्रोशी यात्रा पर आए हैं। यात्रा के दौरान पैरों में दर्द जरूर होता है और उसके लिये गोली-दवाई की यहां अच्छी व्यवस्था है। वे व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहते हैं कि “खूब आनन्द है, म्हारे कई बात की कमी नीं”।
“बड़ा मजा आता है”
पंचक्रोशी यात्रा में न केवल उज्जैन संभाग, परन्तु दूसरे संभागों से भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। धार जिले के सुल्तानपुर के दम्पति गेंदालाल गणपत तथा सीताबाई 04 साल से पंचक्रोशी यात्रा पर आ रहे हैं। वे बताते हैं कि यात्रा में उन्हें बहुत आनन्द आता है। इसी प्रकार किशन अंबाराम एवं उनकी पत्नी भूरी, जोलाना, सरदारपुर राजगढ़ से पिछले 14 सालों से पंचक्रोशी यात्रा पर आ रहे हैं। वे बताते हैं कि यात्रा करते समय पैरों में दर्द जरूर होता है, लेकिन बहुत मजा आता है। वे पिछले सिंहस्थ के पहले से इस यात्रा पर आ रहे हैं।
भाई के साथ आती हैं यात्रा पर
बिल्लौद जिला इन्दौर की शैतानबाई भी पिछले 14 वर्षों से पंचक्रोशी यात्रा पर आ रही हैं। वे अपने भाई के साथ इस बार यात्रा पर आईं हैं। वे बताती हैं कि यात्रा के दौरान गर्मी के कारण मुंह जरूर सूखता है, पर ठण्डा पानी पीते रहो तो यात्रा आराम से कट जाती है।
स्वयंसेवी संगठनों की सराहनीय सेवा
पंचक्रोशी यात्रा पड़ाव स्थलों पर स्काउट, गाइड एवं स्वयंसेवी संगठनों की सेवा सराहनीय है। वे तीर्थ यात्रियों की आंखों में दवा डाल रहे हैं, उन्हें दर्द निवारक तेल, मलहम दे रहे हैं, चाय तथा अन्य खाद्य सामग्री भी यात्रियों को उपलब्ध करा रहे हैं। कई स्थानों पर यात्रियों के लिये नि:शुल्क भण्डारे भी चल रहे हैं।