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पंचक्रोशी यात्रा का दूसरा दिन, यात्री पहुंचे नलवा पड़ाव पर


 

      उज्जैन ।पंचक्रोशी यात्रा के दूसरे दिन पूरे भक्ति भाव एवं आस्था के साथ तीर्थयात्री उप पड़ाव नलवा पर पहुंचे। यहां पड़ाव स्थल पर तीर्थ यात्रियों का आनंद और उत्साह देखते बनता था। हर व्यक्ति भक्ति भाव में सराबोर था।

      पड़ाव स्थल पर प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पड़ाव स्थल पर स्वच्छ एवं शीतल पेयजल के लिए दुग्ध संघ का चिल्ड वॉटर टैंकर उपलब्ध है, वही स्नान के लिए फब्बारे लगाए गए हैं। उचित मूल्य दुकानों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध है। स्वास्थय विभाग का अमला आवश्यक दवाइयां के साथ यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा दे रहा है।

       पड़ाव स्थल पर स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी सराहनीय सेवा उपलब्ध कराई जा रही है । कोई तीर्थ यात्रियों को भोजन आदि खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है तो कोई उनके लिए आंखों की दवा, दर्द निवारक तेल आदि की व्यवस्था कर रहा है । इंडस हॉस्पिटल नागझिरी की ओर से श्री तुलसी भैया जो अपने आपको स्वर्गीय कहते हैं, पिछले 40 साल से पंचक्रोशी यात्रा में यात्रियों को नि:शुल्क सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। उन्हें इस बात का गर्व है। वे कहते हैं कि वे अपने आनंद के लिए ऐसा कर रहे हैं। वे यात्रियों को एक विशेष आई ड्राप एवं दर्द निवारक मालिश का तेल बांट रहे हैं। उनके साथी रमेश भाई चंदन, किशोर भाई चंदन अदि इस कार्य में उनकी पूरी मदद कर रहे हैं।                       

      पंचक्रोशी यात्रा में उज्जैन संभाग तथा आसपास के कई जिलों के यात्री शामिल हुए हैं। भंवरासा देवास जिला देवास के पप्पू माली बताते हैं कि वे अपने गांव से नवमी के दिन 19 तारीख को यात्रा पर रवाना हुए थे। वे अपने 15 साथियों के साथ यात्रा का आनंद ले रहे हैं। 12 वर्षीय करीना दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं, वे अपने ताऊ जी प्रेम नारायण के साथ पंचक्रोशी यात्रा कर रही हैं तथा उन्हें यात्रा में बहुत मजा आ रहा है। प्रीतम नगर रतलाम जिले के गंगाराम रामू, रणछोड़ सिंह जी अपने 14 साथियों के साथ पंचक्रोशी यात्रा कर रहे हैं। उन्हें यात्रा में बड़ा आनंद आ रहा हैं ।रमाबाई मांगीलाल गत 3 वर्षों से यात्रा कर रही हैं । रितेश 11 वर्ष उनके साथ है।

10-15 वर्ष पहले यहां कुछ भी नहीं था

      ग्राम दताना मताना के श्री गोकुल देव जी, 70 वर्ष के हैं तथा गत 20 वर्ष से पंचक्रोशी यात्रा के इस पड़ाव स्थल पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें तीर्थ यात्रियों के जूते सुधारने में बड़ा आनंद आता है। वे कहते हैं वे यह कार्य पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि आनंद के लिए कर रहे हैं। वे बताते हैं कि 10- 15 साल पहले इन पड़ाव स्थलों पर कोई भी सुविधा नहीं थी। जहां तक कि रास्ता भी नहीं था। बस कुछ स्वयंसेवी लोग भोजन आदि की सामग्री वितरित किया करते थे। पर अब तो जहां पर सरकार की ओर से सारी की सारी सुविधाएं कर दी गई है। यात्रियों की संख्या भी बहुत बढ़ गई है।                       

पंद्रह वर्षो से पंचकोशी यात्रा कर रहे हे किन्नर

      पंचक्रोशी यात्रा में शंकरपुर निवासी किन्नर रानू, माया, बबली, पायल, संगीता पूरे उत्साह एवं श्रद्धा भक्ति के साथ शामिल हुए हैं। वे बताते हैं हम पंचक्रोशी यात्रा में गत 15 वर्षों से आ रहे हे। 15 वर्ष पूर्व जब हम यंहां आते थे तब सुविधाये नाम मात्र की थी, पथरीले पगडण्डी वाले रोड़ थे, स्वास्थ्य , सुलभ व्यवस्था कम थी,अब रोड पक्के होने के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था शासन ने अच्छी कर रखी है।

सरकार ने पंचक्रोशी तीर्थ यात्री को सुविधापूर्ण बना दिया है

     शाजापुर मोहन बड़ोदिया के कालूसिंह उम्र50 वर्ष 8 वर्षो से,  हीराबाई उम्र-60वर्ष निवासी इंदौर 12 वर्षो से, सजन सिंह उम्र-62, पोप सिंह उम्र-53वर्ष यह 8 वर्षो से, हीराचंद पाटीदार उम्र 65 वर्ष यह लगभग 13 वर्षो से यहाँ आ रहे है। सभी पंचक्रोशी तीर्थ यात्रियों का कहना है कि सरकार ने पंचक्रोशी यात्रा काफी सुविधा जनक कर दी है। यात्रा मार्ग सुगम कर दिए है। वर्षो पूर्व हम यात्रा करते थे तब सुविधाएं अपर्याप्त थी, अब यात्रा मार्ग में जगह-जगह ठहरने के लिए टेंट व्यवस्था, पेयजल व्यवथा, स्वास्थ्य सुविधा,सुलभ व्यवस्था आदि काफी अच्छी हैं।

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