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"इसरो" और "मेपकास्ट" इप्रिस प्रोजेक्ट से तीन जिलों में करेंगे पंचायत राज संस्थानों का स्थानिक सशक्तीकरण



 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार और मध्यप्रदेश. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट), भोपाल के साथ मिलकर 'एम्पॉवरिंग पंचायती राज इंस्टीटयूशंस स्पेशियली (इप्रिस)' प्रोजेक्ट कर रहा है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत रायसेन, सागर और बैतूल जिलों के 28 विकासखण्ड में पंचायत स्तर पर स्थानिक सशक्तीकरण के लिए इसरो और मेपकास्ट मिलकर काम करेंगे। प्रोजेक्ट का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानिक संसाधन आधारित एकीकृत विकासात्मक नियोजन की ओर अग्रसर करने के लिए जमीनी सतर पर क्षमताओं का निर्माण करना है।

पंचायती राज संस्थाओं का 'स्थानिक' सशक्तीकरण एक व्यापक आउट रीच कार्यक्रम है। 'इसरो' ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए शुरूआत में पूरे देश से 57 जिलों का चयन किया है। 'आउटरीच गतिविधि' में केपेसिटी बिल्डिंग, असेट मैपिंग (परिसम्पतियों का मानचित्रण) और एक्टिविटी की प्लानिंग की जायेगी। शुरूआत में राज्य, जिला और विकासखण्ड स्तर पर कार्यशाला की जायेंगी। कार्यशालाओं में पार्टनर इंस्टीटयूशंस, राज्य स्तर पर जिले के चयनित पंचायत प्रतिनिधियों और जिला स्तर पर विकासखण्ड के लिए चयनित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। विकासखण्ड स्तर की कार्यशालाओं में पंचायती राज संस्थानों और स्वैच्छिक संगठनों, कृषि विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा।

'इप्रिस' का दूसरा चरण असेट मैपिंग (परिसम्पतियों का मानचित्रण) है, जिसमें 'भुवन' पंचायत, संपत्ति मानचित्रण, मोबाइल एप के जरिये सामुदायिक संपत्ति का मानचित्रण और संपत्ति का पंचायत स्तर पर डिटिटल इन्वेंटरी को अद्यतन किया जायेगा। तीसरे और अंतिम चरण में 'एक्टीविटी प्लानिंग' की जायेगी। इसमें 'भुवन' पंचायत प्लेटफार्म का उपयोग कर पंचायत स्तर पर विकासीय योजनाओं को कार्यान्वित किया जायेगा।

बैतूल जिले में 21 मार्च से कार्यशाला शुरू हो चुकी है। जिले के मुलताई, प्रभातपट्टन, आठनेर, भैंसदेही, भीमपुर, चिचोली, आमला, घोड़ाडोंगरी एवं शाहपुर जनपद पंचायत में कार्यशालाएँ होंगी।
राजेश पाण्डेय

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