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कालिदास अकादमी में वर्णागम तथा समरस शिविरों का शुभारम्भ हुआ


उज्जैन । कालिदास अकादमी द्वारा आयोजित किये जा रहे शिविर कला एवं शिल्प को प्रोत्साहित करने में मील का पत्थर साबित होंगे। इनके माध्यम से कलाप्रेमियों को देश के शीर्षस्थ शिल्पियों एवं चित्रकारों की कृतियां देखने को मिलेंगी। वहीं उज्जैन व कालिदास की रचनाधर्मिता को भी आगे लाया जा सकेगा। यह उद्गार विधायक डॉ.मोहन यादव ने आज कालिदास अकादमी में शुरू हो रहे समरस मूर्तिशिल्प शिविर तथा वर्णागम शिविरों के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। वर्णागम शिविर में पारम्परिक शैली में महाकवि कालिदास की रचनाओं पर देश के प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा चित्रांकन किया जायेगा। यह शिविर 21 मार्च तक रहेगा। समरस मूर्तिशिल्प शिविर में देश के प्रसिद्ध मूर्तिकारों द्वारा महाकवि कालिदास की रचनाओं पर आधारित पारम्परिक शैली में मूर्तिशिल्प किया जायेगा। यह शिविर 30 मार्च तक चलेगा। यह आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी म.प्र.संस्कृति परिषद उज्जैन व म.प्र.शासन संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है।

विधायक डॉ.यादव ने सम्बोधन में कहा कि शिविरों में कलाकारों द्वारा सृजित की जाने वाली रचनाएं देखने वालों को आनन्द की अनुभूति देगी। नये कलाकारों के लिये प्रेरणादायी होंगी। इन शिविरों के माध्यम से उज्जैन के कलाप्रेमियों के लिये कला सृजन को देखने का एक बेहतरीन अवसर होगा। उन्होंने अपने उद्बोधन में शासन-प्रशासन द्वारा उज्जैन की एतिहासिकता को पत्थरों के माध्यम से उकेरने के प्रयासों का जिक्र करते हुए विभिन्न कार्यों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में मूर्धन्य कलाकारों डॉ.आरसी भावसार, देवीलाल पाटीदार, पद्मश्री विजय शर्मा ने भी सम्बोधित किया। अकादमी के निदेशक ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में दूर-दराज से आये मूर्तिशिल्पियों एवं चित्रकारों भुवनेश कुमार, विजय शर्मा, नाथूलालजी, श्रीराम विश्वकर्मा, कलिंगा महाराणा, संजीव शर्मा, अशोक कुमार आदि का स्वागत किया गया।

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