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किसानों ने किया हंगामा, मंडी अध्यक्ष ने बदलवाई पर्चियां-दो घंटे रही मंडी बंद



उज्जैन। कृषि उपज मंडी में बोली लगाने वाले और पर्ची काटने वालों द्वारा बोली अधिक की लगाने और पर्ची पर कम राशि अंकित करने से किसान नाराज हो गए। किसानों ने जब इस संबंध में शिकायत की तो उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया गया। किसानों ने इस संबंध में मंडी उपाध्यक्ष शेरू पटेल तथा पूर्व सरपंच संघ अध्यक्ष नरेन्द्र कछवाय से की। शिकायत सही पाए जाने और समस्या का निराकरण नहीं होने पर मंडी में कामकाज बंद हो गया और किसान धरने पर बैठ गए।

शेरू पटेल तथा नरेन्द्र कछवाय के अनुसार बोली लगाने वाले 1620 और 1625 की बोली लगा रहे थे और पर्ची काटने वाला पर्ची पर 1600 और 1585 लिख रहे थे। किसी किसान की फसल की बोली 1595 लगाई और लिखी 1591, 1615 बिकी और पर्ची पर 1600 लिखी। किसानों को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने हंगामा कर दिया और मंडी बंद करा दी। दोपहर 12.30 बजे मंडी बंद हो गई तथा दोपहर 2.30 बजे तक प्रदर्शन चलता रहा। मंडी अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला द्वारा किसानों के समक्ष पहुंचकर पर्चियां बदलवाने और आगे इस तरह की शिकायत नहीं आने देने के आश्वासन के बाद मंडी में कामकाज फिर शुरू हो सका। प्रदर्शन के दौरान कृषि मंडी उपाध्यक्ष शेरू पटेल, सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र कछवाय के साथ किसान नेता पदमसिंह पटेल, पूर्व सरपंच बनेसिंह आदि किसान नेता शामिल थे।

मंडी अध्यक्ष बोले शराब पीकर आ गए किसान किसान जब प्रदर्शन कर रहे थे उस समय उन्हें समझाईश देने मंडी अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला पहुंचे। लेकिन उन्होंने किसानों से कह दिया कि कई किसान यहां शराब पीकर आ गए और हंगामा कर रहे हैं। जिससे किसान और आक्रोशित हो उठे। मंडी अध्यक्ष ने थोड़ी देर बाद किसानों से कहा पूर्णा और सरस्वती जैसा अच्छा माल लाओ तो मैं 2000 में बिकवाउंगा।

पर्ची और बोली लगाने वालों को पैसा देते है व्यापारी
होली और बैंकों में छुट्टी के कारण मंडी कुछ दिनों के लिए बंद रहेगी ऐसे में किसान अपनी फसल को बेचकर जल्दी घर लौटना चाह रहे थे। लेकिन बोली लगाने वाले तथा पर्ची काटने वाले व्यापारियों की सांठ गांठ से सूखा माल भी गीले के भाव में ले रहे थे। किसानों के अनुसार यह लोग किसान को परेशान कर लेट कर देते ताकि देरी होने पर और वापस फसल घर ले जाने के नुकसान से बचने के लिए किसान अपनी फसल 1400-1450 में बैच जाए। पर्ची और बोली लगाने वालों को व्यापारी पैसा देते है।

अनुभवहीन कर्मचारी काट रहे पर्ची
मंडी उपाध्यक्ष शेरू पटेल के अनुसार मंडी से ढाई सो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, नई भर्ती नहीं हो रही है। अनुभवहीन प्रायवेट कर्मचारी रखे हैं पर्ची काटने के लिए। जिसके कारण भी किसानों को परेशानी आ रही है।

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