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बाबा जयगुुरुदेव आश्रम पर तीन दिवसीय होली सत्संग आज से



उज्जैन। संत बाबा जयगुरुदेव महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकान्त महाराज आज देश-विदेश से आये लाखों श्रृद्धालुओं को सत्संग, दर्शन और नामदान देकर तीन दिवसीय अध्यात्मिक होली पर्व का आरम्भ करेंगे।

55 एकड़ में फैले इस विशाल आश्रम में म.प्र., राजस्थान, गुजरात, उ.प्र., दिल्ली सहित तमाम प्रदेशों की संगतों के ठहरने के लिये अलग-अलग पाण्डाल बनाये गये हंै। जिनमें अलग-अलग रावटियाँ और केम्प लगाये गये हंै। साथ ही साथ भोजन के लिये विभिन्न संगतांे द्वारा 30 से ज्यादा भंडारे सतत् तीन दिनांे तक चलेंगे जो भक्तांे के लिये भोजन की व्यवस्था करेंगे। 20 सेक्टरांे में बाँटे गयेे आश्रम में सुरक्षा विभाग, जल आपूर्ति विभाग, चिकित्सा विभाग, सफाई, पूछताछ और खोया-पाया जैसे अनेक कार्यालय अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे जिससे आने वाले भक्तों को किसी तरह की दिक्कत न हो। बाबा जयगुरुदेव धर्म विकास संस्था के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुनील कौशिक ने बताया कि इस तीन दिवसीय अध्यात्मिक कार्यक्रम में महाराजजी प्रतिदिन प्रातः 5ः30 बजे और सांय 5ः00 बजे सत्संग और नामदान की बारिश करेंगे तथा नामदान के पश्चात् भक्तों को लाईनों में दर्शन भी देंगे। होली के दिन भक्तांे को प्रसाद का विशेष वितरण भी किया जायेगा। साथ ही साथ महाराजजी द्वारा आश्रम पर दहेज रहित आदर्श विवाह, नामकरण संस्कार, उपनयन (जनेऊ) संस्कार आदि भी संपन्न कराये जायेंगे। व्यापारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस और फौजियों की अलग-अलग संगोष्ठियां भी आयोजित की जायेंगी। कौशिक के अनुसार पिछले दिनांे 104 दिव्यांग जोडों के सामूहिक विवाह समारोह मेंे बाबा जयगुरुदेव संस्था द्वारा सभी लोगों के लिये भोजन की व्यवस्था की गई जिसमें महाराजजी स्वयं 3 दिन उपस्थित रहे और भक्तांे को निर्देशित करते रहे। वहाँ महाराजजी से प्रभावित होकर अनेकों समाजजनों ने होली के कार्यक्रम में आने की मंशा जाहिर की, जिससे ये अनुमान है कि इस बार होली के कार्यक्रम में महाराज जी के दर्शनों के लिये आने वाले भक्तों का हुजूम ज्यादा होगा अतः उनके स्वागत के लिये आश्रम में पर्याप्त व्यवस्था की गई हंै। खास बात ये है कि जयगुरुदेव आश्रम पर होने वाले इतने विहंगम आयोजनों की पूरी व्यवस्था एवं सेवा, बाबा उमाकान्तजी महारज के भक्तांे द्वारा स्वयं की जाती है जो अपने आप मंे इस अध्यात्मिक होली आयोजन को अनूठा बना देती है। 

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