गलती से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे लालू यादव
रविवार को लालू मंच पर नीतीश के लिए तय कुर्सी पर बैठ गए। यह शिवानी बहन के बगल वाली थी। लालू को जब इस बात की जानकारी मिली तो वे बिना किसी कहासुनी के अपनी सीट पर बैठ गए। बाद में जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो उन्हें उनके सीट तक लाया गया और वे लालू के बराबर में बैठे।
सीएमनीतीश कुमार ने कहा कि गुस्सा झेलना मेरी नियति बन गई है। मैं इसका आदी हो गया हूं। मुझ पर सब गुस्साते हैं। सामने वाले, अगल-बगल वाले। पर मैं विचलित नहीं होता। वे रविवार को यहां प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि के समारोह को संबोधित कर रहे थे। बोले-सबको मालूम है कि कफन में जेब नहीं होती, फिर भी लोग किसलिए इतना पैसा बनाते हैं?
नीतीश बोले-सार्वजनिक जीवन में वाक्युद्ध का स्तर इम्प्रूव हो
मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने कहा कि हर किसी को अपने अंदर की शक्ति को पहचानना चाहिए, यह शाश्वत सत्य है। किसी चीज से परेशान नहीं होना चाहिए। अगर धैर्य हो तो कोई काम नहीं हो सकता। लोकतंत्र बगैर डिबेट डॉयलाग के चल ही नहीं सकता। लेकिन डिबेट डॉयलाग का एक स्तर होना चाहिए। लोगों को सार्वजनिक जीवन में वाक युद्ध का स्तर इम्प्रूव करना चाहिए।
नीतीश ने शिवानी बहन की बातों और उनकी संस्था के अभियान का समर्थन किया। कहा-अच्छे उद्देश्य के लिए मार्ग भी उत्तम होना चाहिए। बिहार के लोगों इनकी बातों का कुछ भी अंश अपना लिया, तो वे समाज बदल सकते हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शिवानी बहन की तारीफ की। कहा कि इस तरह के सकारात्मक आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए।
ब्रह्मकुमारी शिवानी ने लोगों को शांति का मंत्र देने के दौरान शराबबंदी के निर्णय को सराहा। कहा, एक निर्णय कितनों के कर्मों को बदल देता है, इसका उदाहरण है बिहार। अगर यहां गुस्सा नहीं करने का भी निर्णय हो जाए, तो बिहार स्वर्ग बन जाएगा।