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स्वस्थ व सुंदर बनाएँ जीवन” नशे की लत छोड़ कर अपनाए सुखी जीवन


 नेहांश कुलश्रेष्ठ ‘देशप्रेमी’
नशा अर्थात् किसी भी चीज की आदत लग जाना, बार-बार तलब लगना, ऐसी आदत जिसके बिना हम रह ना सकें, जिसके बिना अपूर्णता महसूस हो। आज मनुष्य व्यसनों का आदी हो चुका है। हर थोड़ी देर में पान, गुटखा, बीड़ी सिगरेट की तलब लगती है, तलब भी ऐसी की बस ! बसों व ट्रेनों में लिखा होता है - ‘ध्रूमपान करना मना हैं, परंतु जिस चीज का मना हैं हम वहीं ज़्यादा करते हैं, यही मनुष्य का स्वभाव हैं। गुटखा, पान मसाला, तम्बाखु इत्यादि मनुष्य की वर्तमान जीवन शैली के अंग हैं। ओर चीज़े भले ही हम भूल जाएँ, पर इन्हें रखना नहीं भूलते, बड़ी ही हास्यास्पद व गंभीर बात है। व्यसन नशे के स्त्रोत और भी हैं - शराब, चरस, गाँजा, इत्यादि। इनका सेवन कर मनुष्य आनंदित होता है, परंतु यह आनंद नहीं, अपितु सुख हे जो क्षणिक है। सुख व आनंद में फर्क है- सुख क्षणिक होता है व आनंद हर क्षण के लिए होता है। यह व्यवसन क्षणिक सुख प्रदान करते हैं, फिर उसके बाद हमारे दुख का कारण बनते हैं, हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर करते हैं, हमारी आयु कम होती है और आर्थिक रूप से दुष्प्रभाव पड़ता है।
नशे की इस बुरी लत से हम को रोकने के लिए अखबारों के माध्यम से टी.वी. के माध्यम से, पोस्टरों के माध्यम से विज्ञापन दिखाएं जाते हैं, पान व गुटखा के पैकेटों पर स्पष्ट रूप से लिखा होता है - इट इज

फिल्मों की शुरुआत में विज्ञापन दिखाया जाता है, चेतावनी लिखी दिखती है- ‘ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’। लोग पढ़ लेते हैं, विज्ञापन देखते है, सबकुछ जानते हैं पर ठान ली है - ‘हम नहीं सुधरेंगे’।

सरकार द्वारा इस पर प्रतिबंध लग चुका पर कुछ दुकानदार सिर्फ अपने मुनाफे के लिए स्वार्थ के लिए इसकी कालाबाजारी करते हैं, उनसे अपील है ऐसा न करें।

सरकार से अपील है जो भी इन व्यसनों का सेवन करता दिख रहा है, उस पर जुर्माना या उचित दंड की व्यवस्था हो। देश की जागरुक जनता जो इन व्यसनों का सेवन न करती हो, जो इन व्यसनों से दूर है, उनसे अपील है कि  नुक्कड़ नाटकों, स्लोगनस् द्वारा लोगों को इस ओर जागृत करने का कार्य किया जाए, उन्हें बताया जाए कि जो वह कर रहे हैं, वह बिल्कुल गलत, ऐसा न करें।

यदि हम पान, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या अन्य किसी भी प्रकार के व्यसन का सेवन करते हैं अपना स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो करते हैं, अपना जीवन भी दुखःमय बना लेते हैं।
“पान, गुटखा, बीड़ी का ना करें सेवन, स्वस्थ व सुंदर बनाएँ जीवन।।”

 

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